'फेसबुक पर हिंदू बनकर लड़कियों को फंसाते हैं,' सीएम हिमंत ने बताया क्यों ला रहे लव जिहाद पर कानून
असम सरकार, लव जिहाद पर बेहद सख्त कानून बनाने वाली है. जो लोग मुस्लिम होकर भी अपनी पहचान हिंदू बताकर, हिंदू लड़कियों से शादी करेंगे, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलेगी. सरकार, लैंड जिहाद के खिलाफ भी एक कानून लेकर आएगी. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि इसका चलन अब असम में बेहद आम हो गया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम सरकार, लव जिहाद पर एक कानून ड्राफ्ट कर रही है, जिसके बाद लव जिहाद के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. उन्होंने सोमवार को कहा है कि जो लोग लव जिहाद में शामिल होंगे, उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. हिमंत बिस्व सरमा ने यह भी बताया कि क्यों आज के वक्त में लव जिहाद पर कानून की जरूरत है.
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि लोग, फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हिंदू नाम रखकर, हिंदू लड़कियों को फंसाते हैं. लोग खुद को हिंदू बताकर मुस्लिमों को अपने जाल में उलझाते हैं. सीएम हिमंत ने कहा, 'हमारी सरकार लव जिहाद पर कानून ड्राफ्ट करने की प्रक्रिया में है. यह लव जिहाद के मामलों में कड़े प्रावधान लाएगी.'
'लड़कियों से शादी के लिए फेसबुक पर हिंदू बन रहे हैं लोग'
हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया है कि लड़कियों से शादी करने के लिए लोग फेसबुक पर हिंदू नाम रखते हैं. उन्होंने कहा, 'असम में यह बहुत आम बात है. लोग फेसबुक पर अपना नाम हिंदू बताते हैं. लड़की को लुभाते हैं और शादी के बाद लड़की को पता चलता है कि जिस लड़के से उसने शादी की थी, उसकी पहचान अलग है. पीड़िताओं को सही न्याय मिलना चाहिए. इसलिए असम सरकार पिछले 3-5 साल में अलग-अलग जांच कराने के बाद एक कानून का मसौदा तैयार करने जा रही है. ऐसे मामलों में, जब किसी ने लड़की को लुभाने के लिए अपनी पहचान छिपाई है, उसके लिए अधिकतम सजा दी जाएगी.'
'लैंड जिहाद पर भी बनेगा कानून'
असम सरकार एक कानून ऐसा भी बनाने जा रही है, जिसके तहत अगर मुस्लिम, हिंदुओं से जमीन खरीदते हैं तो इसके लिए प्रशासन से इजाजत लेनी होगी. सीएम हिमंत ने कहा, 'असम के अलग-अलग हिस्सों में जनसांख्यिकी परिवर्तन की वजह से एसटी, एससी जैसे मूल समुदाय अल्पसंख्यक बन रहे हैं. उनकी संपत्ति भी संदिग्ध तरीकों का इस्तेमाल करके खरीदी जा रही है.'
'SC/ST और ओबीसी, एक-दूसरे को ही बेच सकेंगे जमीन'
सीएम हिमंत ने कहा, 'हम एक ऐसा कानून ला रहे हैं, जो इस पर निगरानी रखेगा. ऐसे मामलों में जमीन की बिक्री को प्रतिबंधित भी करेगा. एसटी, एससी और ओबीसी अपनी जमीन केवल एसटी, एससी और ओबीसी को ही बेचेंगे. हमारी अधिवास नीति समावेशी होगी. इसमें असम में रहने वाले हर समुदाय की जातीय और सांस्कृतिक जरूरतें पूरी होंगी.'