Mamata Banerjee: बांग्लादेश में हिंसा का दौरा जारी है. आरक्षण के नाम पर लाखों प्रदर्शनकारियों ने हिंसात्मक रवैया अपनाया. शेख हसीना सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा रखा है. इसी बीच रविवार को बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने आरक्षण कोटे को रद्द कर दिया. अभी तक बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 फीसदी सीटें रिजर्व थी. 44 फीसदी सीटों पर सामान्य छात्रों के बीच कंपटीशन होता था. हालांकि, ये कोटा 2018 में ही खत्म कर दिया गया था लेकिन बीते 5 जून को हाई कोर्ट ने पुराने कोटा को फिर से बहाल करने का आदेश दिया था लेकिन रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए 93 फीसदी सीटें अनरिजर्व कर दी. मात्र 7 फीसदी सीटें रिजर्व रखी गई हैं. बांग्लादेश में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि उनके लिए हमारे रास्ते खुले हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को को कोलकाता में ‘शहीद दिवस’ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर वह पड़ोसी देश से संकट में फंसे लोगों के लिए अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें आश्रय देंगी.
ममता बनर्जी ने इस बयान के पीछे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है. लेकिन मैं आपको यह बता सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उनके लिए दरवाजा खोलेंगे.
इस रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार लंबे समय तक नहीं टिक पाएगी. क्योंकि यह सरकार डरा धमका कर बनाई गई है. इसके अलावा ममता बनर्जी ने बंगाल में हुई हिंसा पर भी बात कही. उन्होंने कहा कि बंगाल में भीड़ पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता जनता के दोस्त बनकर उनके सहयोग करें.
इस रैली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे. अखिलेश यादव पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आपने यूपी में अच्छा खेल खेला है. बीजेपी सरकार को पीछे हट जाना चाहिए. इस्तीफा दे देना चाहिए. ये सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके सत्ता में बने हुए हैं.