Air India Crash: सूरत के दादा ने बेटे और बहू को दफनाया, अब 4 साल की पोती के शव के लिए अहमदाबाद रवाना

अब्दुल्ला नानाबावा ने कहा, “मेरे बेटे और उसके परिवार के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. हमने बकरी ईद पूरे उत्साह से मनाई. मैंने उन्हें 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर छोड़ा. उनकी यात्रा छोटी थी, लेकिन उनकी मौजूदगी मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगी.”

Imran Khan claims

सूरत के हरीपुरा क्षेत्र में बुधवार की सुबह असामान्य थी, जब बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग ब्रिटिश नागरिक अकील नानाबावा और उनकी पत्नी हन्ना वोराजी के लिए ‘नमाज़-ए-जनाज़ा’ पढ़ने इकट्ठा हुए. दोनों 12 जून को एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए 241 लोगों में शामिल थे.

अंतिम विदाई और अहमदाबाद की यात्रा

ग्लॉस्टर के इस दंपति को बुधवार तड़के 2 बजे दफनाया गया, जिसके बाद उनके रिश्तेदार उनकी चार साल की बेटी सारा के शव को लेने अहमदाबाद लौटे. अकील (36), हन्ना (31), और सारा 6 जून को लंदन से अहमदाबाद पहुंचे थे और बकरी ईद से एक दिन पहले सूरत में अकील के पिता अब्दुल्ला नानाबावा को सरप्राइज देने आए थे. बुधवार सुबह हरीपुरा में बोहरा समुदाय, रिश्तेदारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दोस्तों की भारी भीड़ ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी.

परिवार का दुख

अकील का छोटा भाई हामजा और मां साजेदा भी अंतिम संस्कार में शामिल होने लंदन से सूरत पहुंचे. 62 वर्षीय अब्दुल्ला 12 जून से अहमदाबाद में अपने बेटे और उसके परिवार के शवों की प्रतीक्षा कर रहे थे. 16 जून को अकील और हन्ना की डीएनए जांच पूरी हुई, जबकि सारा की रिपोर्ट बुधवार सुबह आई.

अब्दुल्ला ने कहा, “मेरे बेटे और उसके परिवार के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. हमने बकरी ईद पूरे उत्साह से मनाई. मैंने उन्हें 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे पर छोड़ा. उनकी यात्रा छोटी थी, लेकिन उनकी मौजूदगी मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगी.”

सारा के शव की प्रतीक्षा

12 जून की सुबह अब्दुल्ला ने अकील, हन्ना और सारा को सूरत से अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक कार से पहुंचाया. सूरत लौटते समय उन्हें विमान हादसे की खबर मिली. बुधवार सुबह 7 बजे अहमदाबाद सिविल अस्पताल से सारा के डीएनए मिलान की सूचना मिली, जिसके बाद अब्दुल्ला और उनके दोस्त सारा का शव लेने रवाना हुए.
 

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