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ओवैसी की पार्टी ने तोड़ी हुमायूं कबीर की सियासी जुड़ाव की उम्मीदें, AIMIM ने गठबंधन से किया साफ इनकार; जानें वजह

AIMIM ने टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के साथ किसी भी गठबंधन से साफ इनकार कर दिया है. पार्टी ने उनके प्रस्ताव को राजनीतिक रूप से संदिग्ध बताया.

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Edited By: Km Jaya
Humayun Kabir and Asaduddin Owaisi India daily
Courtesy: @RajeshS50119232 and @asadowaisi x account

नई दिल्ली: AIMIM ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के साथ किसी भी राजनीतिक गठबंधन की संभावना को सख्ती से खारिज कर दिया है. सोमवार को AIMIM ने बयान जारी कर कहा कि कबीर के प्रस्ताव राजनीतिक रूप से संदिग्ध और वैचारिक रूप से असंगत हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले कबीर ने मुर्शिदाबाद में एक समारोह के दौरान मस्जिद की नींव रखी थी और उसके बाद उन्होंने नया राजनीतिक मंच बनाने का ऐलान किया था. 

टीएमसी ने उन्हें हाल ही में पार्टी नेतृत्व के साथ लगातार टकराव के कारण निलंबित किया था. इसके बाद उन्होंने दावा किया था कि वे AIMIM और अन्य दलों के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहे हैं. AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने कहा कि हुमायूं कबीर को राजनीतिक रूप से भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के करीब माना जाता है. 

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार कबीर को अधिकारी के राजनीतिक नेटवर्क का हिस्सा माना जाता है और अधिकारी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के रणनीतिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 

AIMIM ने क्यों किया गठबंधन से इनकार?

AIMIM ने स्पष्ट किया कि ऐसे किसी व्यक्ति से गठबंधन संभव नहीं है जिसकी राजनीतिक गतिविधियों पर संदेह हो और जिनकी दिशा AIMIM की वैचारिक मूल्यों से मेल न खाती हो. वकार ने कहा कि मुस्लिम समुदाय ऐसी राजनीति को स्वीकार नहीं करता जो समाज में उकसावे या विभाजन को बढ़ावा दे. उन्होंने कहा कि समुदाय राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है और उन ताकतों के साथ खड़ा होता है जो देश की एकता और स्थिरता को मजबूत करती हैं.

AIMIM ने क्या बताई वजह?

AIMIM का कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति संविधान, शांति और सामाजिक सद्भाव पर आधारित है और इसलिए पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं जुड़ सकती जिसके कदम समाज में मतभेद पैदा करें या अस्थिरता को बढ़ावा दें. AIMIM ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल का मुस्लिम समुदाय कबीर के हालिया राजनीतिक कदमों के पीछे की मजबूरियों और मंशा को अच्छी तरह समझता है. 

AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्या कहा?

वकार ने कहा कि लोग साफ तौर पर देख पा रहे हैं कि कबीर किसके संकेत पर और किस उद्देश्य से सक्रिय हैं. उन्होंने यह भी कहा कि AIMIM कबीर के किसी भी दावे का समर्थन नहीं करती और न ही उनसे किसी स्तर पर बातचीत कर रही है.

हुमायूं कबीर ने 22 दिसंबर को नया राजनीतिक दल बनाने का ऐलान किया है और कहा है कि वे अन्य दलों से गठबंधन पर विचार कर रहे हैं. लेकिन AIMIM के इस स्पष्ट बयान के बाद उनकी संभावित गठजोड़ की रणनीति को बड़ा झटका लगा है.