लोकसभा में वायु प्रदूषण पर होगी डिबेट! राहुल गांधी समेत विपक्ष की मांग से केंद्र सहमत, जानें चर्चा को लेकर क्या कहा?
शुक्रवार को संसद में एक दुर्लभ सहमति दिखी जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार एयर पॉल्यूशन पर लोकसभा में चर्चा के लिए तैयार है.
नई दिल्ली: भारत में शुक्रवार को पार्लियामेंट में सहमति का एक अनोखा पल देखने को मिला, जब पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू ने ऐलान किया कि सरकार एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा कराने के लिए पूरी तरह तैयार है. उनका यह बयान जीरो आवर में आया और इसने तुरंत देश की सबसे बड़ी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में से एक पर रूलिंग पार्टी और अपोजिशन के बीच हैरानी की बात है कि तालमेल का इशारा दिया.
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार पहले दिन से सभी जरूरी नेशनल मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार न सिर्फ इस मामले पर बहस करने के लिए तैयार है, बल्कि कांग्रेस समेत हर पॉलिटिकल पार्टी के सुझावों पर भी विचार करने के लिए तैयार है. उनके मुताबिक, इसका मकसद एक सही समाधान के लिए मिलकर काम करना है.
कांग्रेस मेंबर्स ने उठाई थी मांग
उन्होंने बताया कि कांग्रेस मेंबर्स ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की मीटिंग के दौरान भी यह मांग उठाई थी. उन्होंने कहा कि कमेटी अब यह देखेगी कि पार्लियामेंट के नियमों के तहत चर्चा के लिए समय कैसे दिया जाए. किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि सरकार यह पक्का करने के लिए जरूरी पार्लियामेंट्री प्रोसीजर को फॉलो करेगी कि चर्चा आसानी से हो.
ये बातें विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एयर पॉल्यूशन पर एक गंभीर, आगे की सोच वाली बहस की जोरदार अपील के बाद आईं. राहुल गांधी का भाषण भारत के बड़े शहरों में जहरीली हवा की वजह से पैदा हुए हेल्थ संकट पर फोकस था. उन्होंने कहा कि लाखों लोग जिनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं बिगड़ती एयर क्वालिटी की वजह से गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं.
भारत के कई शहर में जहरीली हवा
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के कई शहर अभी जहरीली हवा की चादर में जी रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों में फेफड़ों की बीमारियां खतरनाक दर से बढ़ रही हैं, कई लोगों को कैंसर हो रहा है और अनगिनत बुजुर्गों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ एक पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है बल्कि एक इंसानी मुद्दा है जो पूरे देश में परिवारों पर असर डालता है.
विपक्ष सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि एयर पॉल्यूशन कोई सोच का मामला नहीं है यानी यह ऐसी चीज नहीं है जिससे पॉलिटिकल पार्टियों को बांटना चाहिए. इसके बजाय, उन्होंने इसे एक नेशनल संकट बताया जिसके लिए पार्लियामेंट में सभी के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि विपक्ष भारत में एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए एक साफ और सिस्टमैटिक लॉन्ग-टर्म प्लान बनाने के लिए सरकार के साथ काम करने को तैयार है.
'बेहतर होगा कि...'
उन्होंने दोनों तरफ के MPs से कहा कि वे इस चर्चा को पॉलिटिकल बनाने से बचें. उनके मुताबिक, बहस इस बारे में नहीं होनी चाहिए कि जो पहले नहीं किया गया, उसके लिए एक-दूसरे पर इल्जाम लगाया जाए. इसके बजाय, इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि भविष्य में भारतीय नागरिकों की सेहत की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. राहुल गांधी ने कहा, 'बेहतर होगा कि हम बस इस बारे में बात करें कि हम भविष्य में भारत के लोगों के लिए क्या करने जा रहे हैं.'
राहुल गांधी ने यह भी उम्मीद जताई कि संसद में एक डिटेल्ड, कंस्ट्रक्टिव चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर शहर के लिए एक मजबूत, लंबे समय का प्लान बनाने में मदद कर सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्लान मेथडिकल और सिस्टमैटिक हो सकता है, जिसमें अगले पांच से दस साल शामिल हों, जो प्रदूषण की समस्या से असरदार तरीके से लड़ने के लिए जरूरी है.