​महाराष्ट्र में 5,023 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान हुई, 107 लापता और 34 अवैध रूप से रह रहे—क्या यह आतंक का नया संकेत है?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने महाराष्ट्र से 250 पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने का फैसला किया है, जिनमें से 107 का पता नहीं और 34 अवैध रूप से रह रहे हैं।

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Anvi Shukla

Maharashtra Pakistani Nationals: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द, देश छोड़ने का आदेश. यह कार्रवाई सीमा पार से हो रहे आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी रणनीति का हिस्सा है.

महाराष्ट्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस समय 5,023 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं. इनमें कुछ के पास लंबी अवधि के वीजा हैं, कुछ हर साल वीजा नवीनीकरण कराते हैं, कुछ भारतीय नागरिकों से विवाह कर भारत में रह रहे हैं और कुछ ने नागरिकता के लिए आवेदन किया हुआ है.

250 पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी की तैयारी

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे करीब 250 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने कहा है कि यह आदेश केवल अल्पकालिक वीजा रखने वालों पर ही लागू होगा. इनकी वापसी की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गई है.

लापता हुए 107 पाकिस्तानी नागरिक

एक बड़ी चिंता यह है कि राज्य में 107 पाकिस्तानी नागरिक लापता हो गए हैं. या तो वे भूमिगत हो गए हैं या फिर उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा 34 पाकिस्तानी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के अवैध रूप से महाराष्ट्र में रह रहे हैं.

कहां कितने पाकिस्तानी नागरिक?

- नागपुर: 2,458 निवासी | 25 लापता | 0 अवैध  
- ठाणे: 1,106 निवासी | 33 लापता | 8 अवैध  
- जलगांव: 393 निवासी | 0 लापता | 0 अवैध  
- पिंपरी-चिंचवड़: 290 निवासी | 0 लापता | 0 अवैध  
- नवी मुंबई: 239 निवासी | 2 लापता | 0 अवैध  
- पुणे: 114 निवासी | 9 लापता | 24 अवैध  

इसके अलावा अमरावती, अहमदनगर, सोलापुर और नासिक जैसे जिलों में भी कुछ पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं.

सरकार का कड़ा संदेश

सरकार ने वीजा रद्द कर यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा, 'नया भारत न किसी को छेड़ता है, न किसी की छेड़ को सहता है.'

अब महाराष्ट्र पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर लापता नागरिकों को खोजने और जल्द से जल्द निर्वासन प्रक्रिया पूरी करने में जुट गई हैं. आने वाले दिनों में प्रशासन की तेजी का असली इम्तिहान होगा.