मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर, 10 ने सीएम मोहन यादव को सौंपे हथियार
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के सिर पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुल मिलाकर 2.36 करोड़ रुपए का इनाम था. यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर माना जा रहा है.
मध्य प्रदेश में रविवार को इतिहास का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर हुआ. मोटी इनामी राशि वाले 10 नक्सलियों ने सीएम मोहन यादव के सामने हथियार डाल दिए और आगे का जीवन शांतिपूर्ण ढंग से बिताने का वादा किया. संरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन महिलाएं भी सामिल हैं.
सभी के सिर पर था 2.36 करोड़ का इनाम
जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के सिर पर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुल मिलाकर 2.36 करोड़ रुपए का इनाम था.
अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर
यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर माना जा रहा है. पुलिस लाइन बालाघाट में आयोजित हुए पुनर्वास कार्यक्रम में सीएम ने मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों को संविधान की प्रति भेंट की. इस दौरान नक्सलियों ने अपने खतरनाक हथियार पुलिस को सौंपे और आगे शांतिपूर्ण ढंग से जीने का वादा किया.
31 मार्च 2026 तक प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है. जवानों की शहादत और पुलिस के प्रयासों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि नक्सली दबाव के चलते आत्मसमर्पण कर रहे हैं. इस मौके पर प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, डीजीपी कैलाश मकवाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
इन नक्सलियों ने किया सरेंडर
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सुरेंद्र उर्फ कबीर, राकेश ओडी उर्फ मनीष, समर उर्फ समारू, सलीता उर्फ सावित्री, विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी, लाल सिंह मरावी, शिल्पा नुप्पो, जरीना उर्फ जोगी मुसाक, जयशील उर्फ ललीता और नवीन नुप्पो शामिल हैं. इनमें से कई छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में सक्रीय थे.
इनमें सुरेंद्र उर्फ कबीर के ऊपर सबसे अधिक 77 लाख रुपए का इनाम था, वहीं राकेश ओडी के ऊपर 62 लाख, समर अतरम 14 लाख, सलीता अलावा 14 लाख, शिल्पा नुप्पो 14 लाख, जयशील बोयम 14 लाख, नवीन नुप्पो 14 लाख, लाल सिंह मरावी 14 लाख, जरीना मुसाक 14 लाख और विक्रम वट्टी के ऊपर 14 लाख का इनाम था. सुरेंद्र उर्फ कबीर और राकेश ओडी के पास एके-47 जैसे हथियार थे.