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ऑफिस में लंच के बाद क्या आपका भी मन करता है बस बिस्तर मिले और नींद मार लूं ? फूड कोमा के लक्षण!

अगर आपने मीठा या ज्यादा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे सफेद चावल, मैदे की रोटी, मीठी चीज़ें आदि) खाया है, तो आपके शरीर में इंसुलिन लेवल तेजी से बढ़ता है. इससे ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड दिमाग में प्रवेश करता है और वहां सेरोटोनिन और मेलाटोनिन बनने लगते हैं - ये दोनों ही नींद लाने वाले हॉर्मोन हैं.

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Reepu Kumari

दोपहर के लंच के बाद काम पर लौटते ही अगर आपकी आंखें भारी हो जाती हैं, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग ऑफिस में लंच करने के बाद नींद का अनुभव करते हैं. इसे आम भाषा में पोस्ट लंच डिप या फूड कोमा कहा जाता है. पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए जानें इसके पीछे की वजहें.

जब हम लंच करते हैं, खासकर अगर खाना भारी, ज्यादा वसायुक्त या कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, तो हमारे शरीर की ऊर्जा पाचन की ओर शिफ्ट हो जाती है. पाचन प्रक्रिया के दौरान हमारे पेट और आंतों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे दिमाग तक जाने वाला रक्त थोड़ा कम हो सकता है. इसका सीधा असर हमारे ध्यान, सतर्कता और ऊर्जा स्तर पर पड़ता है, और हमें नींद आने लगती है.

सिरकैडियन रिदम

दूसरी वजह है सिरकैडियन रिदम. यह हमारे शरीर की प्राकृतिक जैविक घड़ी होती है, जो दिनभर ऊर्जा और नींद के स्तर को नियंत्रित करती है. आमतौर पर दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच हमारा शरीर थोड़ी सुस्ती महसूस करता है, खासकर अगर आपने पेट भर खाना खा लिया हो.

अगर आपने मीठा या ज्यादा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे सफेद चावल, मैदे की रोटी, मीठी चीज़ें आदि) खाया है, तो आपके शरीर में इंसुलिन लेवल तेजी से बढ़ता है. इससे ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड दिमाग में प्रवेश करता है और वहां सेरोटोनिन और मेलाटोनिन बनने लगते हैं - ये दोनों ही नींद लाने वाले हॉर्मोन हैं.

बचने के लिए क्या करें?

इस समस्या से बचने के लिए आप अपने लंच में संतुलन रखें. हल्का और पौष्टिक भोजन करें जिसमें प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट हो. इसके अलावा, खाने के बाद हल्की वॉक करना, थोड़ा स्ट्रेच करना या ग्रीन टी पीना भी फायदेमंद हो सकता है.

याद रखिए, लंच के बाद नींद आना सामान्य बात है लेकिन सही खानपान और कुछ स्मार्ट आदतें अपनाकर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं और ऑफिस में भी एक्टिव बने रह सकते हैं.