'लड़कियां हर हफ्ते बॉयफ्रेंड बदलती हैं...', अक्षय कुमार के साथ सगाई टूटने पर क्या बोलीं रवीना टंडन
रवीना टंडन ने हाल ही में अक्षय कुमार के साथ अपनी पुरानी टूटी सगाई पर खुलकर बात की है. उन्होंने कहा कि 25 साल बीत जाने के बाद भी अगर लोग उनके नाम को उस रिश्ते से जोड़ते हैं, तो यह हैरान करने वाला है.
मुंबई: बॉलीवुड की मोहरा गर्ल रवीना टंडन ने एक इंटरव्यू में अपने अतीत को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि उनके और अक्षय कुमार के ब्रेकअप को बीते 25 साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब भी लोग उनका नाम उसी रिश्ते से जोड़ते हैं. रवीना ने कहा, 'हमारा ब्रेकअप 25 30 साल पहले हुआ था और यह आज भी सामने आता है. जब मैं उनकी जिंदगी से बाहर निकली, तो मैं पहले से ही किसी और को डेट कर रही थी और वो भी आगे बढ़ चुके थे. फिर ईर्ष्या कहाँ से आ सकती है? मुझे समझ नहीं आता कि लोग क्यों नहीं आगे बढ़ पाते.'
रवीना ने आगे कहा कि आज का समय बदल गया है और अब रिश्तों के टूटने को लेकर सोच भी बदलनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'लड़कियां कॉलेज के समय से लेकर अब तक हर हफ्ते बॉयफ्रेंड बदलती हैं. लोग तलाक लेते हैं और नई जिंदगी शुरू करते हैं. तो फिर एक 90 के दशक की टूटी सगाई को लेकर इतनी बातें क्यों की जाती हैं?'
अक्षय कुमार संग ब्रेकअप पर क्या बोलीं रवीना
रवीना टंडन ने साफ कहा कि वह अपने अतीत से पूरी तरह आगे बढ़ चुकी हैं और अक्षय कुमार भी अपनी जिंदगी में खुश हैं. रवीना के मुताबिक, जब भी दोनों सामाजिक समारोहों में मिलते हैं, तो उनके बीच एक सभ्य और सौहार्दपूर्ण रिश्ता रहता है.
रवीना टंडन ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 90 के दशक में गॉसिप मैगज़ीनों की खबरों पर ध्यान देना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, 'मैं उस समय की खबरें नहीं पढ़ती थी. क्यों बेवजह अपना रक्तचाप बढ़ाऊं? उस दौर की गॉसिप पत्रिकाएँ बेहद भ्रामक और नकारात्मक थीं.'
उन्होंने उस समय के मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा, 'कुछ वही महिलाएँ जो उस दौर में अभिनेत्रियों को बॉडी शेम या स्लट शेम करती थीं, आज खुद को ‘नारीवादी’ बताती हैं. उस वक्त महिलाएं महिलाओं को ही नीचा दिखाने में लगी थीं. वह एक बेहद क्रूर दौर था.'
'सोशल मीडिया ने दी है सच्चाई कहने की ताकत'
रवीना ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैसे अब सोशल मीडिया ने सितारों को अपनी बात कहने की आजादी दी है. उन्होंने कहा, 'उस समय अगर अखबार या मैगजीन में कुछ लिखा जाता था, तो वही अंतिम सच माना जाता था. आपकी अपनी आवाज नहीं होती थी. लेकिन आज सोशल मीडिया पर आप अपनी सच्चाई तुरंत साझा कर सकते हैं और गलतफहमियों को साफ कर सकते हैं. यह बहुत जरूरी बदलाव है.'