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Mamta Kulkarni: किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने पर अचानक रोने क्यों लगीं ममता कुलकर्णी? ये थी वजह

ममता कुलकर्णी को शुक्रवार को राज्याभिषेक समारोह के साथ किन्नर अखाड़े में 'महामंडलेश्वर' बनाया गया है. एक्ट्रेस ने माई ममता नंद गिरि का नया नाम लेकर आध्यात्मिक यात्रा शुरू की है. हाल ही में ममता कुलकर्णी का संन्यास अनुष्ठान के दौरान भावुक होते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

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Edited By: Antima Pal
Mamta Kulkarni Mahamandaleshwar
Courtesy: social media

Mamta Kulkarni Mahamandaleshwar: ममता कुलकर्णी को शुक्रवार को राज्याभिषेक समारोह के साथ किन्नर अखाड़े में 'महामंडलेश्वर' बनाया गया है. एक्ट्रेस ने माई ममता नंद गिरि का नया नाम लेकर आध्यात्मिक यात्रा शुरू की है. हाल ही में ममता कुलकर्णी का संन्यास अनुष्ठान के दौरान भावुक होते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

अचानक रोने क्यों लगीं ममता कुलकर्णी?

इस क्लिप में एक्ट्रेस को आध्यात्मिक यात्रा में भाग लेने के दौरान रोते हुए दिखाया गया है. यह वीडियो जो आध्यात्मिक केंद्र में उनके एकांतवास के दौरान रिकॉर्ड किया गया प्रतीत होता है, ममता को त्याग के मार्ग को अपनाने के लिए तैयार होते हुए दिखाता है. वीडियो में वह रुद्राक्ष की माला पहने और भगवा रंग के कपड़े पहने नजर आ रही हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'करण अर्जुन' फेम एक्ट्रेस ने शुक्रवार को महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में पहुंचकर आधिकारिक तौर पर संन्यास ले लिया. वहां उनकी मुलाकात आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से हुई, जिन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया.

यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएगी ममता

बताया जाता है कि ममता ने संगम पर 'पिंडदान' की रस्म अदा की और उनका राज्याभिषेक किन्नर अखाड़े में हुआ. समारोह के हिस्से के रूप में, उन्हें एक नया आध्यात्मिक नाम भी दिया गया: 'श्री यमई ममता नंद गिरि.' एक भव्य पारंपरिक समारोह के दौरान उन्हें आधिकारिक तौर पर किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर भी नियुक्त किया गया है.

"2000 से 2012 तक मैंने अपनी तपस्या जारी रखी"

हाल ही में आईएएनएस से बातचीत में ममता ने भारत और बॉलीवुड इंडस्ट्री से अपनी दूर रहने के कारणों को शेयर किया. उन्होंने बताया, "मेरे भारत छोड़ने का कारण आध्यात्म था. 1996 में मेरा झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और उसी दौरान मेरी मुलाकात गुरु गगन गिरी महाराज से हुई. उनके आने के बाद मेरी आध्यात्म में रुचि बढ़ी और मैंने तपस्या शुरू कर दी. हालांकि, मेरा मानना ​​है कि बॉलीवुड ने मुझे नाम और शोहरत दोनों दी. उसके बाद मैंने बॉलीवुड छोड़ दिया. 2000 से 2012 तक मैंने अपनी तपस्या जारी रखी. मैंने कई साल दुबई में बिताए, जहां मैं दो बेडरूम वाले फ्लैट में रही और 12 साल तक मैंने शादी नहीं की."