फिल्मों के खूंखार विलेन से बने बिजनेस टायकून, इस एक्टर ने बीयर कंपनी से बदल दी सिक्किम की तस्वीर
बॉलीवुड के प्रसिद्ध विलेन डैनी डेनजोंगपा सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि बिजनेस में भी उतने ही सफल रहे हैं. उन्होंने 1987 में अपने गांव युक्सम में युक्सम ब्रुअरीज की स्थापना की, जो अब भारत की तीसरी सबसे बड़ी बीयर कंपनी बन गई है. लेकिन खास बात यहै कि उनका उद्देश्य सिर्फ बिजनेस नहीं बल्कि अपने घर राज्य सिक्किम के लोगों को रोजगार और वैश्विक पहचान देना था.
1970 और 80 के दशक में फिल्मों में अपने दमदार विलेन किरदारों के लिए मशहूर डैनी डेनजोंगपा ने एक्टिंग के साथ-साथ बिजनेस में भी अपनी अलग पहचान बनाई. युक्सम ब्रुअरीज की स्थापना से लेकर उसे देश की बड़ी बीयर कंपनियों में शामिल करने तक, डैनी ने अपने जुनून और दूरदर्शिता से अपने राज्य सिक्किम की अर्थव्यवस्था बदल दी.
1987 में डैनी ने अपने जन्मस्थान युक्सम में ब्रुअरी की शुरुआत की. इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार देना और गांव को वैश्विक पहचान दिलाना था. धीरे-धीरे कंपनी ने सफलता हासिल की और 2005 में ओडिशा में डेनजॉन्ग ब्रुअरीज खोली. 2009 में असम की राइनो एजेंसियों का अधिग्रहण करके उन्होंने उत्तर-पूर्व में यूनाइटेड ब्रुअरीज की बढ़त को रोक दिया. आज युक्सम ब्रुअरीज सालाना लगभग 68 लाख लीटर बीयर का उत्पादन करती है और इसके 11 ब्रांड बाजार में लोकप्रिय हैं.
सस्ती कीमत और लोकप्रियता
युक्सम की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी सस्ती कीमत और गुणवत्ता है. उदाहरण के लिए, ओडिशा में युक्सम बीयर की बोतल मात्र 105 रुपये में उपलब्ध है. यह उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य और भरोसेमंद उत्पाद देता है. कंपनी सिक्किम की अर्थव्यवस्था में सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये का योगदान देती है और 250 से अधिक लोगों को रोजगार देती है. अनुमानित टर्नओवर 500 से 700 करोड़ रुपये के बीच है.
फिल्मी करियर से बिजनेस तक
डैनी डेनजोंगपा ने 1971 में बॉलीवुड में कदम रखा और 190 से अधिक फिल्मों में काम किया. उन्होंने 'अग्निपथ', 'खुदा गवाह' और 'हम' जैसी फिल्मों में विलेन के किरदार से दर्शकों का दिल जीत लिया. इसके साथ ही उन्होंने 1980 में हॉरर फिल्म 'फिर वही रात' का निर्देशन भी किया और कभी-कभी प्लेबैक सिंगिंग भी की. 2003 में उन्हें कला क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया था.
उत्तर-पूर्व में बाज़ार पर पकड़
2009 में असम की राइनो एजेंसी का अधिग्रहण डैनी का सबसे साहसी कदम माना जाता है. इससे वे उत्तर-पूर्व के बीयर मार्केट में अग्रणी बन गए और विजय माल्या की यूनाइटेड ब्रुअरीज को दबाव में रखा. यह कदम दर्शाता है कि डैनी केवल फिल्मों के नहीं बल्कि बिजनेस की दुनिया में भी कुशल हैं.
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