कभी वकील बनने का देखा था सपना, फिर ऐसा क्या हुआ जो रातों-रात सुपरस्टार बन गए ये एक्टर, पहचाना क्या?

Ashok kumar Birthday: अशोक कुमार, जिन्हें फिल्म इंडस्ट्री में ‘दादामुनि’ के नाम से जाना जाता है, ने न सिर्फ हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी बल्कि कई कलाकारों को पहचान भी दिलाई. 50 के दशक में उन्होंने फरारी कार खरीदी थी, लेकिन तेज रफ्तार से डर के कारण अगले ही दिन उसे लौटा दिया था. जानिए इस महान एक्टर की अनसुनी कहानी, जिसने ‘किस्मत’ से किस्मत बदल दी.

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Babli Rautela

Ashok kumar Birthday: बॉलीवुड के सुनहरे दौर में अगर किसी एक्टर ने अपनी सादगी और अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों पर राज किया, तो वह थे अशोक कुमार. उनकी एक्टिंग की गहराई और संवाद अदायगी इतनी सहज थी कि उन्हें 'नेचुरल एक्टिंग' का पर्याय माना जाने लगा. उनके सामने कई नामचीन एक्ट्रेसेस भी फीकी पड़ जाती थीं. जिनमें ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का नाम भी शामिल है.

अशोक कुमार सिर्फ एक एक्टर नहीं, बल्कि वह इंसान थे जिन्होंने हिंदी सिनेमा की दिशा और दशा बदल दी. उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार बना दिया.

वकील बनने का सपना

अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था. उनका सपना वकील बनने का था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. वकालत की परीक्षा में असफल होने के बाद वे मुंबई चले आए, जहां उनके जीजा शशधर मुखर्जी बॉम्बे टॉकीज में काम करते थे. अशोक कुमार ने वहीं लैब असिस्टेंट के रूप में काम शुरू किया. लेकिन 1936 में एक घटना ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी — जब फिल्म ‘जीवन नैया’ के हीरो नजमुल हसन अचानक शूटिंग छोड़ गए, तब बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने अशोक को ही हीरो बना दिया. फिल्म की शूटिंग के दौरान उनका नाम बदला गया और ‘अशोक कुमार’ रखा गया. इस फिल्म ने न सिर्फ उन्हें पहचान दिलाई, बल्कि उनके जीवन की दिशा भी तय कर दी.

‘किस्मत’ ने बदल दी थी किस्मत

1943 में आई फिल्म ‘किस्मत’ भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई. इस फिल्म में उन्होंने एंटी-हीरो की भूमिका निभाई थी — जो उस दौर में बेहद अनोखी थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की, जो उस समय रिकॉर्ड थी. इसके बाद अशोक कुमार की लोकप्रियता आसमान छूने लगी. उन्होंने ‘अछूत कन्या’, ‘झूला’, ‘बंधन’, ‘कंगन’, ‘हावड़ा ब्रिज’ और ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से दर्शकों के दिलों में अमर जगह बना ली.

अशोक कुमार ने न सिर्फ अभिनय किया बल्कि फिल्मों का डायरेक्शन और निर्माण भी किया. उनकी प्रोडक्शन कंपनी से बनी फिल्म ‘जिद्दी’ से एक्टर देव आनंद ने अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने मधुबाला, प्राण, ऋषिकेश मुखर्जी, शक्ति सामंता जैसे कलाकारों को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई. 1988 में उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया और पद्मश्री भी मिला.