क्या जेल में रहकर वोट डाल सकेंगे केजरीवाल, जानें क्या कहता है कानून?
29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई होनी है. लोगों के जेहन में यह सवाल है कि अगर केजरीवाल को जमानत नहीं मिलती तो क्या वह वोट कर पाएंगे या नहीं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है. इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनवाई करेगा.
ऐसे में लोगों के दिमाग में यह सवाल कौंध रहा है कि अगर केजरीवाल को जमानत नहीं मिलती है तो क्या वह लोकसभा चुनाव में वोट डाल पाएंगे या नहीं?
इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि आज अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना पहला रोड शो किया. पूर्वी दिल्ली से आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार के समर्थन में कोंडली में रोड शो के दौरान सुनीता केजरीवाल ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कहा कि केजरीवाल शेर हैं और उन्हें कोई नहीं तोड़ सकता. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री इसलिए जेल में हैं क्योंकि उन्होंने स्कूल बनवाए, मुफ्त बिजली दी, मोहल्ला क्लीनिक बनवाए. हमें तानाशाही के खात्मे और लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट करना है.
अब सीधे अपने मुद्दे पर आते हैं... तो सवाल ये है कि क्या अरविंद केजरीवाल जेल में रहते वोट कर पाएंगे या नहीं?
तो जनाव इसका जवाब है नहीं. केजरीवाल जेल में रहते हुए मतदान नहीं कर सकते. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 (5) के मुताबिक, कानूनी रूप से पुलिस हिरासत में या जेल में बंद कोई भी शख्स किसी भी चुनाव में वोट नहीं डाल सकता. उसकी जगह कोई दूसरा शख्स भी वोट नहीं डाल सकता. ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट 29 अप्रैल को केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर देता है तो वह मतदान नहीं कर सकेंगे.