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Alwar Lok Sabha Seat: एक बार BJP, एक बार कांग्रेस वाली रवायत बदल पाएंगे भूपेंद्र यादव? अलवर में फंसा चुनाव

Alwar LokSabha: राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर लगातार दूसरी जीत हासिल करने और भूपेंद्र यादव को जिताने के लिए बीजेपी को इस बार खूब पसीना बहाना पड़ रहा है.

India Daily Live
Nilesh Mishra
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राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को खूब मशक्कत करनी पड़ रही है. अपने ही कब्जे वाली इस सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव में उतारा है. पिछले 4 चुनाव से इस सीट पर हर बार दूसरी पार्टी जीत जा रही है, ऐसे में बीजेपी के लिए इस रवायत को तोड़ने की चुनौती भी सामने आ रही है. इस सीट से सांसद रहे महंत बालकनाथ अब विधायक बन गए हैं. वहीं, कांग्रेस की ओर से ललित यादव मैदान में हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि महंत बालकनाथ के समर्थन से भूपेंद्र यादव जीत हासिल करेंगे. वहीं, कांग्रेस उम्मीद लगा रही है कि हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी के बाद कांग्रेस को जीत मिल जाएगी.

2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी के बारे में इस बार कहा जा रहा है कि उसके लिए यह रिकॉर्ड कायम करना बड़ी चुनौती हो गया है. कई सीटें ऐसी हैं जो त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई हैं या फिर आपसी खींचतान और उम्मीदवार बदले जाने के चलते समीकरण बिगड़ता दिख रहा है. हालांकि, राजस्थान में ही बीजेपी अपना जोर भी लगा रही है, ऐसे में सबकी नजरें चुनाव के नतीजों पर जरूर रहेंगी.

भूपेंद्र यादव को जिताने के लिए झोंकी ताकत

बीजेपी कैसे भी करके इस सीट को अपने कब्जे में रखने में लगी हुई है. यही वजह है कि इस सीट पर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक प्रचार करने आ रहे हैं. खुद भूपेंद्र यादव भी जमकर पसीना बहा रहे हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि बसपा के मुस्लिम कैंडिडेट फजल हुसैन कांग्रेस का कुछ वोट जरूर काटेंगे और उसे अपनी जीत हासिल करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी.

कांग्रेस ने ललित यादव पर जताया भरोसा

2014 से 2019 तक इस सीट से कांग्रेस के करण सिंह यादव सांसद थे. इस बार भी वह टिकट की रेस में थे लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह पर मुंडावर के विधायक ललित यादव पर भरोसा जताया है. ऐसे में अब यह मुकाबला यादव vs यादव का हो गया है. हालांकि, अगर करण सिंह यादव बगावत करते हैं तो चुनाव में ललित यादव को मुश्किलें भी आ सकती हैं.

क्या है अलवर का समीकरण?

अलवर लोकसभा सीट पर लगभग 20 लाख मतदाता हैं. 2019 में 12.68 लाख लोगों ने वोटिंग की थी जिसमें से 7.6 लाख वोट पाकर महंत बालकनाथ सांसद चुने गए थे. इस सीट पर 76.8 प्रतिशत ग्रामीण तो 23 फीसदी शहरी वोटर हैं. SC-ST मतदाताओं की संख्या जोड़ें तो लगभग 24 प्रतिशत यानी लगभग 4.5 लाख है. मुस्लिम मतदाता 18 पर्सेंट हैं जो SC-ST के साथ मिलकर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 

2023 के विधानसभा चुनाव में अलवर की कुल 8 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 5 तो बीजेपी ने 3 पर जीत हासिल की थी. इसमें से मुंडावर से ललित यादव ने सबसे ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि ललित यादव करिश्मा दिखाएंगे और अलवर में भूपेंद्र यादव को पटखनी देकर यह सीट उसकी झोली में डाल देंगे. अगर ऐसा होता है तो राजस्थान में बीजेपी को बड़ा झटका लगेगा.

क्या रहा है अलवर का इतिहास?

अलवर सीट पर अभी तक लोकसभा के कुल 18 चुनाव हुए हैं. इसमें से 11 चुनाव कांग्रेस ने ही जीते हैं. बीजेपी अभी तक इस सीट पर सिर्फ 4 बार ही चुनाव जीत पाई है. जनता दल, जनता पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत हासिल की है. इस सीट से करण सिंह यादव के अलावा, महंत बालकनाथ, महंत चंदननाथ, जितेंद्र यादव, जसवंत सिंह यादव और रामजी लाल यादव जैसे नेता सांसद रहे हैं.