NTF Portal: छात्रों की जिंदगी बचाने का डिजिटल कवच, लॉन्च हुई नई वेबसाइट, ऐसे बचाएगी जान
जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए 15 गाइडलाइंस जारी की थीं. इनमें सभी संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य नीति अपनाना, योग्य काउंसलर की नियुक्ति, संवेदनशीलता प्रशिक्षण, सार्वजनिक शर्मिंदगी से बचना और कोचिंग हब में विशेष मॉनिटरिंग शामिल है.
Student Suicide: देश में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने न केवल समाज बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक को गहरी चिंता में डाल दिया है. मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षणिक दबाव और भेदभाव जैसे कारणों से प्रभावित छात्रों के लिए अब एक बड़ा कदम उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी नेशनल टास्क फोर्स (NTF) ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से जुड़ने और उनकी राय जानने के लिए एक विशेष वेबसाइट ntf.education.gov.in लॉन्च की है. यह पोर्टल एक ऐसा मंच बनेगा, जहां मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, आत्महत्या रोकथाम उपायों और बेहतर शैक्षणिक माहौल के लिए सुझाव और राय सीधे टास्क फोर्स तक पहुंच सकेंगे.
टास्क फोर्स की पहली बैठक 29 मार्च को हुई थी, जिसके बाद से यह टीम देश भर में शिक्षा संस्थानों का दौरा, विशेषज्ञों से चर्चा और पुरानी रिपोर्टों का विश्लेषण कर रही है. जस्टिस एस. रविन्द्र भट्ट (रिटायर्ड) की अध्यक्षता में बनी 18 सदस्यों की टीम अब ऑनलाइन सर्वे के जरिए अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है. लक्ष्य साफ है देश के 60,380 उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक भी छात्र आत्महत्या जैसे कदम तक न पहुंचे. इसके लिए टास्क फोर्स न केवल छात्रों के मुद्दों की पहचान कर रही है बल्कि स्थायी समाधान के लिए ठोस सिफारिशें भी तैयार कर रही है.
आत्महत्या रोकथाम के लिए तीन मोर्चों पर काम
नेशनल टास्क फोर्स ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए तीन बड़े पहलुओं पर फोकस किया है. पहला, आत्महत्या के पीछे छिपे मुख्य कारणों की पहचान जैसे शैक्षणिक दबाव, वित्तीय बोझ, भेदभाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं. दूसरा, मौजूदा छात्र कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की प्रभावशीलता का आकलन. तीसरा, शिक्षा संस्थानों में सहायक माहौल बनाने के लिए जरूरी सुधारों की सिफारिश.
सुप्रीम कोर्ट की 15 गाइडलाइंस
जुलाई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए 15 गाइडलाइंस जारी की थीं. इनमें सभी संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य नीति अपनाना, योग्य काउंसलर की नियुक्ति, संवेदनशीलता प्रशिक्षण, सार्वजनिक शर्मिंदगी से बचना और कोचिंग हब में विशेष मॉनिटरिंग शामिल है. इसके अलावा आत्महत्या रोकने वाले उपकरण, आपात हेल्पलाइन नंबर का प्रचार और पैरेंट्स के लिए जागरूकता सत्र जैसी पहलें भी अनिवार्य की गई हैं.
वेबसाइट कैसे काम करेगी
ntf.education.gov.in पोर्टल पर छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य संबंधित पक्षों के लिए अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं. यहां उपलब्ध ऑनलाइन प्रश्नावली भरकर अपनी राय और अनुभव साझा किए जा सकते हैं. टास्क फोर्स इन आंकड़ों का विश्लेषण करके अपनी अंतरिम रिपोर्ट सितंबर के अंत में सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी और साल के अंत तक अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी.
एक सुरक्षित माहौल की ओर कदम
देश में 4.46 करोड़ छात्र उच्च शिक्षा संस्थानों में पंजीकृत हैं, और इनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी है. टास्क फोर्स का उद्देश्य न केवल आत्महत्या दर को कम करना है बल्कि ऐसा माहौल बनाना है जहां छात्र आत्मविश्वास और सुरक्षा महसूस करें. इसके लिए शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को मिलकर काम करना होगा.
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