CISF Scholarship 2025: सीआईएसएफ कर्मियों के लिए अच्छी खबर, 567 बच्चों को 1.25 करोड़ की छात्रवृत्ति, जानिए किन बच्चों को मिलेगा फायदा

CISF Scholarship 2025: इस वर्ष 80-90% अंक पाने वाले छात्रों को 20,000 रुपये और 90% से अधिक अंक लाने वालों को 25,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है.

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Reepu Kumari

CISF Scholarship 2025: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपने कर्मियों के बच्चों के लिए इस वर्ष शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में बड़ी पहल की है. बल की ओर से 567 मेधावी बच्चों को 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की महानिदेशक मेरिट छात्रवृत्ति प्रदान की गई है. यह छात्रवृत्ति उन बच्चों को दी जाएगी जिन्होंने शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है या खेलों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. खास बात यह है कि इस वर्ष से कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को इसका लाभ मिलेगा.

इस योजना का उद्देश्य न केवल बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है, बल्कि सीआईएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों के बीच संगठन पर विश्वास और जुड़ाव को और मजबूत बनाना भी है. पहले जहां यह सुविधा सिर्फ 150 छात्रों तक सीमित थी, वहीं अब सभी योग्य छात्रों को इसमें शामिल किया गया है. साथ ही, पहली बार खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को भी इस योजना के तहत सम्मानित किया गया है.

शिक्षा और खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा

नए नियमों के तहत अब शिक्षा के साथ-साथ खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इससे पढ़ाई और खेल दोनों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले बच्चों को समान अवसर मिलेगा.

शहीद कर्मियों के बच्चों को विशेष लाभ

सीआईएसएफ ने शहीद कर्मियों के परिवारों का सम्मान करते हुए उनके बच्चों की छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि की है. इस वर्ष आठ बच्चों को इसका लाभ दिया गया है.

डिजिटल प्रक्रिया से आसान आवेदन

पूरी छात्रवृत्ति प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले जाया गया है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को भी आसानी से आवेदन और सीधा बैंक खाते में राशि प्राप्त करने की सुविधा मिल सके.

मेरिट के अनुसार छात्रवृत्ति राशि

इस वर्ष 80-90% अंक पाने वाले छात्रों को 20,000 रुपये और 90% से अधिक अंक लाने वालों को 25,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है.

संगठन और परिवारों के बीच विश्वास

सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक एवं मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजय दहिया ने कहा कि यह पहल न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम है, बल्कि संगठन और कर्मियों के बीच विश्वास और सहयोग को भी मजबूत बनाती है.