सेंसेक्स 450 अंक उछला, निफ्टी फिर पहुंचा 25,000 के पार, शेयर बाजार में शानदार तेजी के 5 प्रमुख कारण
दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में दमदार तेजी देखने को मिली. बेंचमार्क निफ्टी 50 ने एक बार फिर से 25000 के आंकड़े को छू लिया. आइए जानते हैं इस तेजी के पीछे के 5 प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार ने सोमवार, 26 मई 2025 को लगातार दूसरे सत्र में मजबूत तेजी दर्ज की. बेंचमार्क सेंसेक्स 450 अंकों से अधिक उछला, जबकि निफ्टी 50 ने 25,000 का स्तर फिर से हासिल कर लिया. यह तेजी वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन से प्रेरित थी. आइए, इस उछाल के पीछे के पांच प्रमुख कारणों पर नजर डालें.
सेंसेक्स और निफ्टी का शानदार प्रदर्शन
सेंसेक्स ने पिछले बंद 81,721.08 के मुकाबले 81,928.95 पर खुला और दिन के दौरान 771 अंक (लगभग 1%) उछलकर 82,492.24 के उच्च स्तर पर पहुंचा. वहीं, निफ्टी 50 ने 24,853.15 के पिछले बंद के मुकाबले 24,919.35 पर शुरुआत की और 1% की बढ़त के साथ 25,079.20 के उच्च स्तर को छुआ. अंत में, सेंसेक्स 455 अंक (0.56%) की बढ़त के साथ 82,176.45 पर और निफ्टी 50 148 अंक (0.60%) ऊपर 25,001.15 पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी क्रमशः 0.56% और 0.48% चढ़े. बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 442 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर करीब 445 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई.
बाजार में तेजी के 5 प्रमुख कारण
1. ट्रम्प ने यूरोपीय संघ पर टैरिफ स्थगित किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय संघ (ईयू) से आयात पर प्रस्तावित 50% शुल्क को 1 जून से स्थगित कर 9 जुलाई तक बढ़ा दिया. यह निर्णय यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ फोन कॉल के बाद लिया गया. ट्रम्प के अनुसार, वॉन डेर लेयेन ने “गंभीर वार्ता” की इच्छा जताई.
ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा, “भारतीय शेयर बाजार में आज की तेजी का प्रमुख कारण ट्रम्प द्वारा ईयू पर 50% शुल्क स्थगित करने से बेहतर वैश्विक माहौल है. इस कदम ने एशियाई बाजारों में राहत की लहर दौड़ाई और भारत भी इस लहर पर सवार है.” भारत के लिए ईयू एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, और इस कदम ने व्यापार युद्ध की आशंकाओं को कम किया.
2. आरबीआई का रिकॉर्ड लाभांश
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 23 मई को वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ का डिविडेंड देने की घोषणा की. यह अब तक का सबसे बड़ा अधिशेष है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे सरकार का राजकोषीय घाटा FY26 के लिए 4.4% के लक्ष्य पर बना रहेगा.
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “आरबीआई का बंपर लाभांश बजट अनुमानों से अधिक है, जो राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में मदद करेगा. इससे कम मुद्रास्फीति और घटती ब्याज दरों का रुझान बना रहेगा, जो इक्विटी बाजार को समर्थन देगा.”
3. कमजोर डॉलर
डॉलर इंडेक्स लगातार तीन सत्रों से गिरावट में है और एक महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है. इससे भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. डॉलर की कमजोरी विदेशी पूंजी प्रवाह को बढ़ाती है.
4. अनुकूल मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिति
भारत का मैक्रो-इकोनॉमिक परिदृश्य शेयर बाजार की दीर्घकालिक वृद्धि के लिए अनुकूल है. मुद्रास्फीति में कमी के साथ, आरबीआई के पास ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है. मिंट के 22 अर्थशास्त्रियों के सर्वेक्षण के अनुसार, Q4FY25 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.9% रहने की उम्मीद है. नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले दो-तीन वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. त्रिवेश ने कहा, “चौथी तिमाही के नतीजों, आरबीआई के रिकॉर्ड लाभांश और भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से विश्वास बढ़ा.”
5. खुदरा निवेशकों की बाढ़
बाजार में खुदरा निवेशकों की भारी आमद देखी जा रही है. पिछले सप्ताह भी छह लाख से अधिक नए निवेशक पहली बार पूंजी बाजार में शामिल हुए. इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोक्कलिंगम ने कहा, “नए खुदरा निवेशक बाजार में लगातार आ रहे हैं. हमारा मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार का दृष्टिकोण आशावादी बना रहेगा,”