निफ्टी और सेंसेक्स ने रचा नया इतिहास, जानें 4 बड़ी वजह जिससे 14 महीनें बाद बना नया रिकॉर्ड

भारतीय शेयर बाजार ने 14 महीने बाद नया इतिहास रच दिया है. निफ्टी 50 ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 26300 के स्तर को छु लिया है. निफ्टी 50 नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसने साल 2024 के सितंबर माह में बने 26,277 के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया.

Anuj

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार ने 14 महीने बाद नया इतिहास रच दिया है. निफ्टी 50 ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 26300 के स्तर को छु लिया है. निफ्टी 50 नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसने साल 2024 के सितंबर माह में बने 26,277 के अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया.

सेंसेक्स ने 86,000 के स्तर को पार किया

इस बीच सेंसेक्स लगभग 420 अंक (लगभग 0.5 प्रतिशत) बढ़कर पहली बार 86,000 के स्तर को पार कर गया. विश्लेषकों ने चार प्रमुख कारकों की ओर इशारा किया है, जिन्होंने शेयर बाजारों को बढ़ावा दिया और बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी को नई ऊंचाइयों की ओर धकेला.

मजबूत घरेलू निवेश का सहारा

घरेलू निवेशकों का स्थिर प्रवाह इस तेजी की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है. एसआईपी निवेश रिकॉर्ड स्तर पर है और खुदरा निवेशकों की सक्रियता ने बाजार को विदेशी निवेश के उतार-चढ़ाव से लगभग अलग कर दिया है. त्योहारों के दौरान बढ़ी मांग और जीएसटी कटौती की उम्मीदों ने भी भरोसा मजबूत किया है. जानकारों का कहना है कि घरेलू तरलता अब बाजार का मुख्य आधार बन चुकी है.

आर्थिक संकेतकों की मजबूती

मुद्रास्फीति का स्थिर स्तर, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और अच्छी विनिर्माण गतिविधि ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अस्थिरता से बचाए रखा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत का चालू खाता घाटा कम हुआ है और पिछले कुछ वर्षों में लागू सुधारों ने अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल किया है.

बेहतर कमाई का असर

इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कई भारतीय कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए. ऑटो, बैंकिंग, एफएमसीजी और डिस्क्रेशनरी सेक्टर ने डबल-डिजिट मुनाफा दर्ज किया, जिससे बाजार में विश्वास बढ़ा. आरबीआई की नीतियों में स्थिरता और सरकार के कैपेक्स खर्च ने कंपनियों की शीर्ष रेखा और मुनाफे को मजबूत किया है. विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले महीनों में भी कमाई में सुधार जारी रहने की उम्मीद है.

बाजार में नए निवेश को जगह मिली

पिछले वर्ष रिकॉर्ड हाई के बाद निफ्टी में आई गिरावट ने भारतीय बाजार का वैल्यूएशन आकर्षक बनाया. अमेरिकी और अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत की बढ़त सीमित रही, जिससे शेयर अब अपेक्षाकृत सस्ते दिखे. इसने विदेशी निवेशकों के लिए अवसर पैदा किए. पिछले एक साल में कमाई और वैल्यूएशन के बीच अंतर कम हुआ है, जिससे बाजार में नए निवेश को जगह मिली है.

निफ्टी व सेंसेक्स की नई उड़ान

निफ्टी और सेंसेक्स के नई ऊंचाईयों पर जाने से निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है. स्थिर नीतियों, मजबूत बैंकिंग प्रणाली और सतत घरेलू मांग ने भारतीय बाजार को वैश्विक दबावों से अलग खड़ा किया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि आर्थिक गति इसी तरह बनी रही, तो आने वाले महीनों में बाजार नई ऊंचाइयों को छू सकता है.