4 की जगह 2 GST स्लैब, 5% और 18% में आएंगी वस्तुएं, पेट्रोल-डीजल होगा बाहर, केंद्र ने लिया फैसला-सूत्र
सरकारी सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में 12% जीएसटी स्लैब में शामिल 99% वस्तुओं को नई व्यवस्था में 5% की कर दर में ट्रांसफर किया जाएगा.इसका मतलब है कि रोजमर्रा की जरूरतों और सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर कर का बोझ कम होगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
केंद्र की मोदी सरकार ने देश की आजादी की शाम यानि कि शुक्रवार (15 अगस्त) को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक सुधार की योजना पेश की है, जिसके तहत कर की दरों को सरल और तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, नई जीएसटी व्यवस्था में 5% और 18% की दो प्रमुख दरें होंगी, जबकि लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं (सिन गुड्स) पर 40% की स्पेशल दर लागू की जाएगी. इस सुधार का मकसद आम उपभोक्ताओं को राहत देना और टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी बनाना है.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में 12% जीएसटी स्लैब में शामिल 99% वस्तुओं को नई व्यवस्था में 5% की कर दर में ट्रांसफर किया जाएगा.इसका मतलब है कि रोजमर्रा की जरूरतों और सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर कर का बोझ कम होगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. यह कदम विशेष रूप से मध्यम वर्ग और निम्न-आय वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा.
28% स्लैब के सामान पर लगेगा 18% की दर
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान 28% कर स्लैब में शामिल लगभग 90% कर योग्य वस्तुओं को नई व्यवस्था में 18% स्लैब में लाया जाएगा. यह कदम महंगी और गैर-जरूरी वस्तुओं पर कर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा दे सकता है.
तंबाकू पर 40% GST, पेट्रोलियम उत्पाद हुआ बाहर
नई जीएसटी व्यवस्था में तंबाकू उत्पादों पर 40% की विशेष दर लागू होगी, लेकिन कुल कर बोझ (88%) वर्तमान स्तर पर ही रहेगा. वहीं, पेट्रोलियम उत्पादों को नई जीएसटी स्ट्रक्चर में भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा. यह निर्णय ईंधन की कीमतों पर स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है.
आम आदमी को मिलेगी राहत
सरकारी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि रोजमर्रा की जरूरतों और सामान्य उपयोग की वस्तुओं, जैसे कि घरेलू सामान और दैनिक उपयोग के उत्पादों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा. बता दें कि, ये कदम आम आदमी के लिए आर्थिक राहत सुनिश्चित करेगा और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएगा.