डोनाल्ड ट्रंप के 25 फीसदी 'ऑटो टैरिफ बम' के ऐलान से हिली दुनिया लेकिन भारत की लगेगी लॉटरी! कैसे है आपदा में अवसर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटोमोबाइल कंपनियां पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. जिसके कारण पूरे विश्व के ऑटोमोबाइल कंपनियों में हलचल मच गई है. हालांकि GTRI ने इसे भारत के लिए एक नया मौका बताया है.

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Shanu Sharma

Donald Trumo Tariffs Impact on Indian Exporters: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी गाड़ियों पर 25 प्रतिशत टैरिफ के अपने ऐलान से वैश्विक स्तर पर हलचल ला दी है. भारत की ऑटोमोबाइल कंपनियां अमेरिका पर भी काफी निर्भर करता है. जिसके कारण भारतीय कंपनियों के नुकसान को लेकर भी काफी चर्चा की जा रही है. 

ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद  ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने अपने बयान में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए जा रहे इस टैरिफ का भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग पर बहुत कम प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. साथ ही इस बदलाव से नए रास्ते खुलने की संभावना जताई गई है.

भारतीय ऑटोमोबाइल पर कम होगा असर

डोनाल्ड ट्रंप ने 3 अप्रैल से वैश्विक कार निर्माताओं पर टैरिफ लागू करने की घोषणा की है. हालांकि GTRI ने इसे भारत के लिए सीमित जोखिम बताया है और कहा है कि इसका देश पर न्यूनतम प्रभाव  होगा. बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस घोषणा से अमेरिका में भारतीय ऑटोमोबाइल पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा और हो सकता है कि यह भारतीय एक्सपोर्टरों के लिए नया अवसर ला सकता है. अपने इस बयान के पीछे तर्क देते हुए GTRI ने बताया कि भारत अमेरिका को केवल 8.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कार एक्सपोर्ट करता है. जबकि देश का कुल वैश्विक कार एक्सपोर्ट 6.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. जिसका मतलब है कि अमेरिका को भारत से केवल  0.13 प्रतिशत ही कार एक्सपोर्ट की जाती है. यानी अमेरिका के इस टैरिफ का उतना असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है.

वैश्विक बाजार में खुल सकते हैं नए रास्ते 

GTRI ने कहा कि खतरा पैदा करने के बजाय ट्रंप का टैरिफ भारत के ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए नया मौका ला सकता है. अमेरिका को भारत ने पिछले साल 2.2 बिलियन अमरीकी डॉलर के ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट किए थे. जो कुल वैश्विक ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट का 29.1 प्रतिशत है. जिसके कारण थोड़ा तनावपूर्ण स्थिती भी बनी हुई है. हालांकि ट्रंप का टैरिफ वार पूरे विश्व के साथ चल रहा है. ऐसे में देखा जाए तो दुनिया के अलग-अगल देशों के मुकाबले भारत का नुकसान काफी कम है. ऐसे समय में अमेरिकी बाजार में भारत अपनी उपस्थिति बढ़ाकर अपने फायदे को बढ़ा सकता है. अगर दूसरे देश अमेरिका में ऑटोमोबाइल व्यापार कम कर देते हैं तो इससे भारत को और ज्यादा मौका मिल सकता है. ऐसे समय में भारत अपने बाजार का और भी ज्यादा विस्तार कर सकता है.