GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक हो रही है. इस बैठक पर व्यापारियों और उद्योग जगत की निगाहें टिकी हैं क्योंकि सरकार टैक्स ढांचे को आसान बनाने और दरों में कटौती की दिशा में बड़े फैसले ले सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि कारोबारी वर्ग को इस बार दिवाली गिफ्ट के रूप में जीएसटी सुधार देखने को मिल सकते हैं.
वर्तमान में जीएसटी की चार दरें हैं 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं. काउंसिल इन्हें सरल बनाकर दो स्लैब में लाने पर विचार कर रही है. प्रस्तावों के मुताबिक 28 प्रतिशत पर टैक्स वाली वस्तुएं 18 प्रतिशत पर आ सकती हैं जबकि 18 प्रतिशत वाली श्रेणी की वस्तुओं को घटाकर 12 प्रतिशत या 5 प्रतिशत तक किया जा सकता है. हालांकि तंबाकू, पान मसाला और लग्जरी गाड़ियों जैसे उत्पादों पर 40 प्रतिशत का विशेष 'सिन टैक्स' जारी रहेगा.
ऑटोमोबाइल सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. छोटे कार मॉडल 1200 सीसी तक और मोटरसाइकिल 350 सीसी तक पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है. होटल और मूवी टिकटों पर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. स्वास्थ्य सेवाओं में भी राहत दी जा सकती है, जिसमें कैंसर की दवाओं को पूरी तरह जीएसटी मुक्त करने और अन्य दवाओं व बीमा पर टैक्स कम करने की बात है.
दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे पनीर, पिज्जा ब्रेड, बटर, पनीर, जूस, नारियल पानी, पास्ता और आइसक्रीम पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो सकता है. कृषि क्षेत्र के लिए भी बड़ी राहत मानी जा रही है. सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया जैसे खाद्य इनपुट 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत पर आ सकते हैं. टेक्सटाइल सेक्टर में सिंथेटिक यार्न, कालीन और हैंडीक्राफ्ट्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव है. वहीं, सौर कुकर, स्टेशनरी और टॉयलेट्रीज़ जैसी वस्तुएं भी सस्ती हो सकती हैं.
लग्जरी वस्तुओं और सिगरेट, तंबाकू पर 40 प्रतिशत तक टैक्स बढ़ सकता है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी असर पड़ सकता है. छोटे ईवी पर टैक्स राहत जारी रहेगी, लेकिन 20 से 40 लाख कीमत वाले ईवी पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जा सकता है. कोयले पर टैक्स 5 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो सकता है जिससे बिजली उत्पादकों पर बोझ बढ़ेगा. महंगे कपड़े जो 2500 रुपये से ऊपर होंगे उन पर जीएसटी 18 प्रतिशत हो सकता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक इन बदलावों से मध्यम वर्ग को सीधी राहत मिलेगी और घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि सरकार को करीब 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है. इसके बावजूद सरकार को उम्मीद है कि ये सुधार बाजार की गति और निवेश को बढ़ाएंगे.