इंडिगो संकट ने यात्रियों को लगाया मोटा चूना, दिल्ली-चेन्नई का वनवे किराया ₹65985, मुंबई जाने के लिए देने पड़ रहे ₹38676
इंडिगो की 700 से अधिक उड़ानें रद्द होने के बाद दिल्ली से चेन्नई और मुंबई जैसी प्रमुख रूट्स पर टिकट कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं. उड्डयन मंत्री ने डीजीसीए को किराए की निगरानी का निर्देश दिया है.
नई दिल्ली: इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल मेल्टडाउन के बाद देश के कई रूट्स पर हवाई किराए में भारी उछाल देखने को मिला है. दिल्ली से चेन्नई और मुंबई जैसे रूट्स पर टिकट कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं. शुक्रवार को जब इंडिगो की 700 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, तब दूसरे एयरलाइंस की मांग अचानक बढ़ गई और इसका सीधा असर टिकट कीमतों पर पड़ा.
दिल्ली से चेन्नई का वन-वे किराया 65985 रुपये तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली से मुंबई के लिए एक तरफ का टिकट 38676 रुपये तक बिकता दिखा. दिल्ली से कोलकाता का किराया भी 38699 रुपये से ऊपर चला गया. इंडिगो ने अचानक दिल्ली और चेन्नई से सभी घरेलू फ्लाइट्स को आधी रात तक रोक दिया, जिसके बाद हजारों यात्री वैकल्पिक विकल्प तलाशने में जुट गए. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन के सीमित ऑपरेशन के चलते अन्य कंपनियों पर दबाव बढ़ा और किराए कई गुना बढ़ गए.
क्यों हुई यात्रियों को दोहरी परेशानी?
5 और 6 दिसंबर को कई ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स पर मल्टी स्टॉप टिकट 71000 रुपये से भी ऊपर दिखे. सोशल मीडिया पर यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें 'दो बार सजा' मिल रही है. पहले उड़ानें रद्द होने से और अब आसमान छूते किरायों से. ट्रेनें भी पूरी तरह भरी हुई थीं, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने क्या दिये निर्देश?
नागरिक उड्डयन मंत्री ने डीजीसीए को निर्देश दिया है कि वे किराए की कड़ी निगरानी करें ताकि कोई एयरलाइन इस संकट का फायदा न उठा सके. हालांकि जमीन पर यात्रियों को जो कीमतें दिखीं, उनसे साफ है कि नियमों और वास्तविकता के बीच बड़ा अंतर मौजूद है. फिलहाल एयरलाइंस की ओर से किराया बढ़ने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
क्यों बढ़ी कीमतें?
दूसरी तरफ, हजारों यात्री किसी भी उपलब्ध सीट की तलाश में प्लेटफॉर्म्स खंगालते दिखे. इंडिगो का यह संकट ऐसे समय में आया है जब यात्रा का पीक सीजन चल रहा है. बड़ी संख्या में यात्री बीते दो दिनों से उड़ानों के रद्द होने और देरी से परेशान हैं. जैसे ही इंडिगो की उड़ानें बंद हुईं, अन्य एयरलाइंस पर टिकट की मांग बढ़ी और कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. यह किराया वृद्धि अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही कीमतें घट सकती हैं, लेकिन तब तक यात्रियों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है.
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