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जान निकल रही थी लेकिन दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को दिखाई थीं तीन उंगलियां, आपको पता है इसकी वजह?

Epic Story: महाभारत की कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं. इस युद्ध में कौरवों और पांडवों के बीच लड़ाई हुई थी. इस महायुद्ध में पांडवों की जीत हुई जबकि कौरवों की हार. महाभारत के युद्ध की वजह से ही कौरवों के वंश का विनाश हो गया था.

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Edited By: India Daily Live
Mahabharat ki kahani
Courtesy: Social Media

Epic Story: महाभारत की कहानियां हम बचपन से सुनते आ रहे हैं. दुर्योधन एक अहंकारी और अधर्मी प्रवृत्ति का इंसान था. महाभारत युद्ध का कारण ही दुर्योधन का अधर्मी स्वभाव था. महाभारत युद्ध की वजह से ही कौरवों के वंश का विनाश हो गया था. इस युद्ध मे भाई ही भाई के खिलाफ हो गए थे. इस युद्ध में दुर्योधन की सबसे अंत में मृत्यु हुई थी. दुर्योधन को भीम द्वारा मारा गया था. महाभारत युद्ध में भगवान श्री कृष्ण की सबसे अहम भूमिका रही. दुर्योधन ने मरते समय भगवान श्री कृष्ण को अपनी 3 उंगलिया बार-बार दिखाई.

दुर्योधन के उंगलिया दिखाने का क्या मतलब था. जब श्री कृष्ण दुर्योधन के पास गए तो उन्होंने कहा कि मैंने 3 गलतियां की जिस वजह से उनकी युद्ध में हार हो गई. आइए जान लेते हैं कि आखिर वह कौन सी गलतियां थीं. 

पहली गलती के बारे में जानिए 

दुर्योधन की पहली गलती थी कि उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को अपने साथ युद्ध में शामिल नहीं किया. उन्होंने श्री कृष्ण को छोड़कर उनकी नारायणी सेना मांगी थी. दुर्योधन ने मरते समय श्री कृष्ण को कहा कि यदि उन्होंने नारायणी सेना की जगह आपको चुन लिया होता तो आज मैं इस अवस्था में नहीं होता. युद्ध जीत गया होता. 


दूसरी गलती क्या थी? 

दुर्योधन के पिता धृतराष्ट्र नेत्रहीन थे. इसी वजह से उनकी माता गांधारी ने अपनी आंखों पर भी पट्टी भी बांध ली थी. भीम से युद्ध से पहले दुर्योधन की माता ने उन्हें अपने पास निर्वस्त्र होकर आने को कहा था. जब दुर्योधन निर्वस्त्र होकर अपनी माता के पास जाने लगे तो श्री कृष्ण ने उन्हें रोक लिया. रोकने के बाद उनसे कहा कि इस उम्र में मां के पास इस अवस्था में जाना ठीक नहीं है.  श्री कृष्ण  पत्तों से बनी लंगोट पहनकर अपनी माता के पास गए. वह जैसे ही अपनी माता के पास पहुंचे तो गांधारी ने अपनी आंखों की पट्टी खोल दी. आंखों से निकले तेज से दुर्योधन का शरीर वज्र के समान हो गया. इस दौरान वह स्थान वज्र का होने से बच गया जो पत्तों से ढका गया था. इसी स्थान पर भीम ने गदा मारकर दुर्योधन का वध किया था. दुर्योधन ने श्री कृष्ण से कहा कि अगर मैं निर्वस्त्र होकर जाता तो मुझे कोई नहीं मार पाता. 

तीसरी गलती क्या थी?

दुर्योधन ने भगवान श्री कृष्ण को अपनी तीसरी गलती बताई. दुर्योधन ने कहा कि वह इस युद्ध में सबसे अंत में लड़ने के लिए आया. यदि वह प्रारंभ में आ गया होता तो युद्ध का परिणाम दूसरा होता. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि यह 3 गलतियां तुम्हारी हार का कारण नही हैं. तुम्हारा अधर्म का साथ देना और अहंकारी होना इस युद्ध में हार का कारण है.