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रावण का खास रिश्तेदार था बाली, जानिए फिर भी क्यों हो गया भीषण युद्ध?

Epic Story: रावण काफी शक्तिशाली था. इसके बाद भी उसको किष्किंधा नगरी के राजा वानर राज बाली से हार का सामना करना पड़ गया था. रावण और बाली एक दूसरे के दुश्मन नहीं बल्कि रिश्तेदार थे. जी हां, दोनों के बीच काफी घनिष्ठ रिश्ता था. युद्ध में हारने के बाद रावण ने बाली से संधि कर ली थी. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: social media

Epic Story: रावण एक पराक्रमी योद्धा था. उसने अपने बल और पराक्रम से कई राज्यों, राजाओं को अपने अधीन कर लिया था. रावण को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु किसी देवता, असुर, राक्षस, किन्नर, गंधर्व, सर्प,यक्ष या गरुड़ द्वारा नहीं होगी. इसका रावण को अहंकार भी था. जब रावण को यह पता लगा कि बाली काफी शक्तिशाली है तो उसने बाली को किष्किंधा जाकर बाली को युद्ध के लिए ललकार दिया. 

इसके बाद रावण और बाली के बीच भीषण युद्ध हुआ था. बाली को वरदान था कि उसका जिससे भी युद्ध होगा, उसकी आधी शक्ति बाली के पास आ जाएगी. इससे वह दोगुना शक्तिशाली हो जाया करता था. बाली भी बेहद शक्तिशाली था. भगवान श्रीराम ने ही रावण और बाली का अंत किया था. 

रावण की आधी शक्ति आ गई थी बाली के पास 

जब रावण का युद्ध बाली से हुआ तो रावण की आधी शक्ति बाली के पास आ गई. ऐसे में बाली ने रावण को बंदी बना लिया और उसका अपमान करने लगा. इसके बाद वह रावण को अपनी बगल में दबाकर 6 महीने तक हर दिशा में चक्कर लगाता रहा. वह रोज रावण को लज्जित करता था. 

रावण ने मांगी माफी 

रावण ने अपनी हार मानते हुए बाली से माफी मांगी तो बाली ने रावण को क्षमा कर दिया. रावण ने इसके बाद बाली से मित्रता का प्रस्ताव रख दिया. इसे बाली ने स्वीकार कर लिया और दोनों के बीच संधि हो गयी. 

रावण और बाली के बीच यह था घनिष्ठ रिश्ता 

पुराणों के अनुसार पंच कन्याओं में तारा और मंदोदरी भी थी. इसके साथ ही तारा और मंदोदरी आपस में बहनें थी. तारा बाली की पत्नी थी और मंदोदरी रावण की पत्नी थी. इस तरह से रावण और बाली एक दूसरे के साढ़ू थे. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.