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सो गए हैं जगत के पालनहार, अब न खाएं ये चीजें वरना हो जाएंगे बीमार

Chaturmas 2024: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हो चुकी है. इस एकादशी तिथि पर भगवान श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इसके चार महीने बाद वे देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इन चार महीनों में कुछ चीजों का सेवन वर्जित हो जाता है. आइए जानते हैं कि वे कौन सी चीजें हैं, जिनका सेवन चातुर्मास के दौरान नहीं करना चाहिए. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pexels

Chaturmas 2024: 17 जुलाई को जगत के पालनहार भगवान श्रीहरिविष्णु योग निद्रा में चले गए हैं. अब वे 4 महीने तक योग निद्रा में ही रहेंगे. इस दौरान धरती का पालन भगवान शिव करेंगे. इन चार महीनों के समय को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है. जब तक प्रभु निद्रा करते हैं, तब तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को वर्जित माना जाता है. इसके साथ ही इस दौरान कुछ चीजों के सेवन को भी वर्जित माना जाता है. 

मान्यता है इन चीजों का सेवन करने से व्यक्ति बीमार हो सकता है. इसके साथ ही पेट और स्किन संबंधी रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है. चातुर्मास सावन आने के चार दिन पहले शुरू हो जाता है. इसमें सावन, अधिकमास, भाद्रपद, अश्विन  आते हैं. कार्तिक मास की एकादशी पर भगवान जाग जाते हैं. आइए जानते हैं कि इन चार महीनों में किन चीजों को नहीं खाना चाहिए. 

चातुर्मास में न करें इन चीजों का सेवन 

  • चातुर्मास में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें मैथी, पालक, बथुआ आदि आपको नहीं खाना चाहिए. इन चार महीनों में अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो आपको पेट और स्किन संबंधी रोगों का सामना करना पड़ता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रकृति से बेहद ही प्यार है और इन हरी सब्जियों को तोड़ने से प्रकृति को नुकसान होता है. इस कारण भी हरी पत्तेदार सब्जियों को नहीं खाना चाहिए. चातुर्मास में भगवान शिव ही सृष्टि के पालनहार होते हैं. वैज्ञानिक कारण की बात करें तो यह बरसाता का मौसम होता है. इस दौरान जमीन पर कई बैक्टीरिया हो जाते हैं. अगर ऐसे में आप जमीन पर लगी सब्जियां खाते हैं तो आपके इंफेक्शन हो सकता है. 

  • सावन और भाद्रपद माह में बैगन और मूली का भी सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ये दोनों चीजें भगवान शिव को समर्पित नहीं की जाती हैं. इसके साथ ही बैंगन में बरसात के समय कीड़े लगने लगते हैं. इस कारण बैंगन इस दौरान नहीं खाना चाहिए. 

  • दूध और दही का सेवन भी इन महीनों में नहीं करना चाहिए. गाय और भैंसे जो घास चरती हैं, वह बरसात के मौसम में दूषित हो जाती है. इस कारण दूध भी दूषित हो जाता है. इन चार महीनों में इस कारण दूध और दही से दूर रहना चाहिए. वहीं, ये दोनों चीजें भगवान शिव को अर्पित कर देनी चाहिए. 

  • मसालेदार भोजन करना भी इन महीनों में वर्जित होता है. ये महीने भक्ति करने के होते हैं मसालेदार भोजन करने से तामसिक प्रवृत्ति बढ़ती है और भक्ति से मन दूर होता है. इस कारण इन महीनों में मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.