इस दिव्य मंत्र से बदलेगी किस्मत, नए साल के पहले ब्रह्म मुहूर्त में इस तरह करें जाप

नए साल 2026 की शुभ शुरुआत के लिए ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप को विशेष माना गया है. ज्योतिष के अनुसार इस समय किए गए मंत्र जाप से सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: नया साल 2026 दस्तक देने जा रहा है और हर कोई चाहता है कि आने वाला वर्ष सुख, शांति और सफलता से भरा हो. भारतीय परंपरा में माना जाता है कि वर्ष की शुरुआत यदि शुभ कार्यों से की जाए तो पूरे साल उसका सकारात्मक प्रभाव बना रहता है. ज्योतिषविदों के अनुसार, नए साल के पहले ब्रह्म मुहूर्त में दिव्य मंत्रों का जाप करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पहले का वह समय होता है, जब वातावरण में शांति और सकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक होती है. इस समय मन एकाग्र रहता है और ध्यान व मंत्र जाप का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. शास्त्रों में इसे देवताओं का प्रिय समय बताया गया है. नए साल की शुरुआत यदि इसी मुहूर्त में की जाए तो व्यक्ति के विचार और कर्म दोनों शुभ दिशा में प्रवाहित होते हैं.

हथेली दर्शन मंत्र और लाभ

ब्रह्म मुहूर्त में जागकर सबसे पहले अपनी हथेलियों का दर्शन करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि हथेलियों में माता लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान विष्णु का वास होता है. इस समय मंत्र जप के साथ हथेलियों को देखने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और जीवन में स्थिरता आती है. यह अभ्यास आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को भी बढ़ाता है.

नवग्रह शांति मंत्र का प्रभाव

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च.
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु.

इस मंत्र का जाप ग्रहों के अशुभ प्रभाव को शांत करने के लिए किया जाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नए साल के पहले दिन इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आने वाली रुकावटें कम होती हैं. यह मंत्र सुख, समृद्धि और स्थायित्व प्रदान करता है.

गायत्री मंत्र से बढ़े एकाग्रता और बुद्धि

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो नः प्रचोदयात्.

गायत्री मंत्र का ब्रह्म मुहूर्त जाप विशेष फलदायी माना गया है. नियमित जाप से मन शांत और विचार सकारात्मक बनते हैं.

महामृत्युंजय मंत्र से भय और संकट से मुक्ति

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्.

भगवान शिव को समर्पित महामृत्युंजय मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना गया है. ब्रह्म मुहूर्त में इसके जाप से भय, तनाव और रोगों से राहत मिलती है. मान्यता है कि यह मंत्र जीवन में आने वाले बड़े संकटों को टालने की शक्ति रखता है. नए साल में स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए इसका जाप विशेष रूप से किया जाता है.

ब्रह्म मुहूर्त का समय और विशेष उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार, 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सुबह 4 बजकर 19 मिनट से 4 बजकर 58 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. यह लगभग 39 मिनट का समय अत्यंत शुभ माना गया है. इस दौरान माता लक्ष्मी की पूजा, दान और मंत्र जाप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है. नए साल की शुरुआत इस पवित्र समय में करना पूरे वर्ष को मंगलमय बना सकता है.