बाढ़ ने रोकी आस्था की राह! 55 दिनों में चारधाम नहीं पहुंचा एक भी श्रद्धालु


Princy Sharma
2025/09/03 12:01:39 IST

चारधाम यात्रा पर ब्रेक

    अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच 55 दिन ऐसे रहे जब चारधामों में एक भी श्रद्धालु नहीं पहुंच सका. इन दिनों को 'जीरो तीर्थयात्री दिवस' कहा गया.

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89 दिन बेहद कम यात्री

    89 दिन ऐसे भी थे जब चारों धामों में यात्रियों की संख्या 1 से 1,000 के बीच रही. यह यात्रा की गिरती हालत का साफ संकेत है.

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यमुनोत्री

    यमुनोत्री धाम में 23 दिन कोई श्रद्धालु नहीं पहुंचा और 30 दिन में यात्री संख्या 1,000 से भी कम रही.

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गंगोत्री

    गंगोत्री में 27 दिन ‘जीरो यात्री’ रहे और 9 दिन बेहद कम संख्या में लोग पहुंचे. मार्ग बार-बार भूस्खलन से बंद होता रहा.

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केदारनाथ और बद्रीनाथ

    केदारनाथ में 19 दिन कम यात्री रहे. वहीं, बद्रीनाथ में तुलनात्मक रूप से बेहतर, लेकिन 2 दिन यात्रा पूरी तरह रुकी रही.

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जलवायु आपदाएं

    भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और सड़क धंसने की घटनाओं ने यात्रा को बार-बार बाधित किया. इससे श्रद्धालु डरकर आने से बचते रहे.

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सितंबर में भी यात्रा स्थगित

    यमुनोत्री और गंगोत्री मार्ग की हालत खराब होने के कारण सितंबर के पहले 5 दिन भी यात्रा स्थगित की गई.

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पर्यटन और अर्थव्यवस्था को झटका

    चारधाम यात्रा सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पहाड़ी अर्थव्यवस्था का आधार है. यात्रा में गिरावट से हजारों लोगों की आजीविका खतरे में है.

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SDC फाउंडेशन की चेतावनी

    फाउंडेशन के अनुसार, अगर अब भी जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और बदतर हो सकती है.

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