
एक मिनट में 700 गोलियां, सेना को मिली AK- 203 असॉल्ट राइफल
Km Jaya
2025/07/18 15:42:38 IST

अमेठी में बनी 'शेर' राइफल
अमेठी में बनी यह राइफल भारत-रूस साझेदारी का परिणाम है. यह ‘शेर’ नाम से भारतीय सेना में शामिल की जा रही है.
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बेहद तेज फायरिंग
AK-203 एक मिनट में 700 राउंड फायर कर सकती है. यह उग्रवाद और सीमाई हमलों में बेहद असरदार है.
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शानदार मारक क्षमता
इसकी रेंज 800 मीटर तक है, यानी लंबी दूरी तक वार, दुश्मन को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है.
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शक्तिशाली कारतूस
इसमें 7.62x39 मिमी गोलियों का इस्तेमाल होता है. यह INSAS की तुलना में अधिक घातक होता है.
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हल्की और मजबूत
राइफल का वजन सिर्फ 3.8 किलोग्राम है. यह पुरानी INSAS राइफल से हल्की और बेहतर बैलेंस वाली है.
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कॉम्पैक्ट डिजाइन
बिना बटस्टॉक के यह केवल 705 मिमी लंबी है. जंगल, पहाड़ और घरों में ऑपरेशन के लिए उपयुक्त है.
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बड़ी मैगजीन क्षमता
राइफल की मैगजीन में 30 राउंड तक भरे जा सकते हैं, यह फीचर लगातार फायरिंग में बड़ी ताकत देता है.
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विशाल उत्पादन लक्ष्य
₹5,200 करोड़ के तहत 6 लाख से ज्यादा राइफलें बनेंगी जो 2030 तक पूरी सप्लाई पूरी करने का लक्ष्य तय है.
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तेज डिलीवरी जारी
अब तक 48,000 राइफलें सेना को दी जा चुकी हैं, इस साल के अंत तक और 15,000 राइफलें दी जाएंगी.
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सीमाओं पर पहली पसंद
AK-203 अब LoC और LAC पर तैनात सैनिकों की मुख्य राइफल होगी. यह आतंकवाद-रोधी अभियानों में भी प्रमुख हथियार बनेगी.
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