भ्रष्टाचार के मामले में भारत को देशभर में मिली ये रैंक, जानें क्या कहती हैं रिपोर्ट


Princy Sharma
2024/12/09 03:25:50 IST

भ्रष्टाचार

    जब भ्रष्टाचार किसी देश में ज्यादा होने लगता है, तो इसका असर हर चीज पर पड़ता है – जैसे अर्थव्यवस्था, राजनीति और लोगों का विश्वास. भ्रष्टाचार समाज की नींव को कमजोर करता है, सार्वजनिक संस्थाओं पर विश्वास को तोड़ता है और असमानता को बढ़ावा देता है.

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रिश्वतखोरी

    यह रिश्वतखोरी, गबन और सत्ता का दुरुपयोग जैसे रूपों में होता है, जो देश की विकास क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.

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CPI

    2023 के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) में भारत 180 देशों में से 93 वें स्थान पर रहा. भारत की रैंक 2022 के मुकाबले 8 स्थान गिर गई है.

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2023

    भारत का overall स्कोर 2023 में 39 था, जबकि 2022 में यह 40 था. यह स्कोर 0 से 100 के पैमाने पर मापा जाता है, जहां 0 का मतलब अत्यधिक भ्रष्ट और 100 का मतलब बहुत ईमानदार होता है.

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दक्षिण एशिया

    पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों ही कर्ज के बोझ और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं. हालांकि, इन देशों में न्यायिक निगरानी मजबूत है, जो सरकारों को नियंत्रण में रखने में मदद कर रही है.

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बांग्लादेश

    बांग्लादेश अब सबसे कम विकसित देशों की सूची से बाहर निकल चुका है और आर्थिक विकास, गरीबी में कमी और जीवन स्तर में सुधार के कारण बेहतर स्थिति में है.

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चीन  

    चीन 76वें स्थान पर है. उसने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और 35 लाख से ज्यादा सार्वजनिक अधिकारियों को दंडित किया है. कम भ्रष्टाचार वाले देश

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कम भ्रष्टाचार वाले देश

    न्यूजीलैंड और सिंगापुर जैसे देश उच्च स्कोर वाले और कम भ्रष्टाचार वाले देशों के रूप में पहचाने जाते हैं. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग , जापान  भूटान , ताइवान  और दक्षिण कोरिया का नाम भी है.

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लिस्ट

    सूचकांक में सबसे निचले स्थान पर उत्तर कोरिया, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं.

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