सीता स्वयंवर का शिव धनुष, जिससे ध्वस्त हुई तीन नगरी!
Khushboo Chaudhary
2024/11/27 12:05:19 IST
भगवान श्री राम की बारात
भगवान श्री राम की बारात अयोध्या के जनकपुर के लिए रवाना हो गई. सैकड़ो की संख्या में बराती रामलला के बारात में शामिल हैं, जिसमें अयोध्या ही नहीं भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग अयोध्या पहुंचे हैं. ऐसे में आज हम आपको उस धनुष के बारे में बताएंगे जिसे तोड़ कर राम सिया के हुए.
Credit: Social Media शिव धनुष के तीन टुकड़े
सीता स्वयंवर के समय भगवान राम ने तोड़े गए शिव धनुष के तीन टुकड़े अलग-अलग जगहों पर गिरे थे.
Credit: Social Mediaशिव धनुष का पहला और दूसरा हिस्सा कहां गिया था?
धनुष का एक टुकड़ा आकाश में गिरा था. दूसरा टुकड़ा पाताल लोक में गिरा था.तीसरा टुकड़ा धरती पर गिरा था. धरती पर गिरे इसी टुकड़े को लेकर धनुषा धाम बना है. यह धनुषा धाम नेपाल में है.
Credit: Social Mediaशिव धनुष का तीसरा कहां गिरा था?
नेपाल में स्थित जनकपुर में राम जानकी मंदिर से कुछ कर किलोमीटर दूर धनुषा में तीसरे हिस्से का साक्ष्य मिलता है. मान्यता है कि यही वह जगह है जहां शिव धनुष का तीसरा हिस्सा गिरा था.
Credit: Social Mediaधनुषा धाम
यह वही जगह है, धनुषा धाम...जहां आज भी शिव धनुष के अवशेषों की पूजा की जाती है. यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है, ऐसा माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन यहां मेला भी लगता है
Credit: Social Mediaधनुष का नाम पिनाक है
अब आपको इस धनुष से संबंधित कुछ रोचक बात बताते हैं. दरअसल इस धनुष का नाम पिनाक है. जिसे सीता स्वयंवर में तोड़ा गया था.
Credit: Social Mediaराजा जनक के पास धरोहर के रूप में रखा गया था पिनाक
इस धनुष को राजा जनक के पास धरोहर के रूप में रखा था.
इस धनुष की टंकार से बादल फट जाते थे और पर्वत हिलने लगता था.
Credit: Social Mediaभगवान राम ने इस धनुष को तोड़ा क्यों?
ऐसे में सबके मन में एक सवाल आता है कि आखिर भगवान राम ने इस धनुष को तोड़ा क्यों? माना जाता है कि सीता के पिता जनक ने यह घोषणा की थी कि जो कोई शिव धनुष पर बाण का संधान कर लेगा, उसके साथ सीता का विवाह कर दिया जाएगा. जिसके लिए बड़े शूरवीर समय-समय पर कई राजा आए, किंतु धनुष को कोई हिला भी नहीं सका.
Credit: Social Mediaक्या है दूसरी मान्यता?
दूसरी मान्यता है कि भगवान राम परशुराम से मिलना चाहते थे और संकेत देना चाहते थे कि उनका अहंकार अब खत्म होने वाला है. ऐसे ही कई सारी मान्यताएं हैं. बता दें कि भगवान शंकर ने इसी धनुष के एक तीर से त्रिपुरासुर की तीनों नगरियों को ध्वस्त कर दिया था.
Credit: Social Mediaकब है विवाह पंचमी?
बताते चले कि इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर को है. भगवान श्री सीताराम जी का विवाह जनकपुर में होगा. जहां 18 बीघा में भगवान श्री सीताराम के विवाह की तैयारी का पंडाल लगाया गया है. 14 दिन तक धार्मिक अनुष्ठान होगा. कहते हैं इसी दिन माता जानकी के साथ भगवान राम का विवाह हुआ था.
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