PM बनने से चुनाव हारने तक की कहानी…साल दर साल कैसा रहा इंदिरा गांधी का सफर


Shilpa Srivastava
2025/06/25 09:41:34 IST

चुनावी गड़बड़ी का आरोप (1971)

    समाजवादी नेता राज नारायण ने 1971 में इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनावी अनियमितताओं की शिकायत की. रायबरेली से लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने यह याचिका दायर की.

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देशभर में बढ़ते विरोध प्रदर्शन (1973–1975)

    1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद देश में महंगाई, आवश्यक वस्तुओं की कमी और आर्थिक संकट गहराने लगा. इससे गुजरात से लेकर बिहार तक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और आंदोलन तेज हो गए.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला (12 जून 1975)

    12 जून को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव प्रचार में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का दोषी पाया और उनका चुनाव रद्द कर दिया.

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विपक्ष की रैली और आंदोलन की घोषणा (22 जून 1975)

    22 जून को विपक्षी दलों ने एक बड़ी रैली की और रोजाना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बनाई.

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सुप्रीम कोर्ट की सीमित राहत (24 जून 1975)

    24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी रह सकती हैं लेकिन संसदीय अधिकार, विशेष रूप से वोटिंग का अधिकार, उनसे छीन लिया गया.

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आपातकाल की घोषणा (25 जून 1975)

    25 जून की रात इंदिरा गांधी की सिफारिश पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी.

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इंदिरा गांधी का राष्ट्र के नाम संबोधन (26 जून 1975)

    26 जून को इंदिरा गांधी ने रेडियो पर देश को संबोधित किया और आपातकाल लगाने के कारण बताए.

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जबरन नसबंदी अभियान की शुरुआत (सितंबर 1976)

    संजय गांधी ने दिल्ली में जबरन नसबंदी अभियान शुरू किया, जिसमें हजारों पुरुषों को उनकी इच्छा के विरुद्ध नसबंदी करवाने के लिए मजबूर किया गया.

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चुनावों की घोषणा और राजनीतिक कैदियों की रिहाई (18 जनवरी 1977)

    18 जनवरी को इंदिरा गांधी ने आम चुनाव की घोषणा की और सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा कर दिया.

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लोकसभा का भंग और सत्ता परिवर्तन (जनवरी–मार्च 1977)

    20 जनवरी 1977 को लोकसभा भंग की गई. 11 फरवरी को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का निधन हो गया. 16 मार्च को इंदिरा गांधी और संजय गांधी लोकसभा चुनाव हार गए. 21 मार्च को आपातकाल आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया. 24 मार्च को मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और जनता पार्टी सरकार सत्ता में आई.

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