क्या होता है थैलेसीमिया? शरीर के लिए हो सकता है बेहद खतरनाक
Princy Sharma
2025/05/08 10:10:51 IST
वर्ल्ड थैलेसीमिया डे
हर साल 8 मई को वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जाता है ताकि लोगों को इस खून से जुड़ी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके.
Credit: Pinterest थैलेसीमिया क्या है?
थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में हीमोग्लोबिन कम बनता है या सही तरह से नहीं बनता. हीमोग्लोबिन वो प्रोटीन होता है जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है.
Credit: Pinterest यह बीमारी कैसे होती है?
यह माता-पिता के जीन के जरिए बच्चों में आती है. अगर माता-पिता दोनों के जीन में थैलेसीमिया है, तो बच्चे को यह बीमारी हो सकती है.
Credit: Pinterest थैलेसीमिया के प्रकार
पहला अल्फा थैलेसीमिया इसमें शरीर में अल्फा ग्लोबिन कम बनता है. दूसरा बीटा थैलेसीमिया इसमें बीटा ग्लोबिन की कमी होती है और यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
Credit: Pinterest थकान और पीलापन
हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिससे थकान, कमजोरी, चक्कर और त्वचा का पीलापन दिख सकता है. यह एनीमिया का संकेत होता है.
Credit: Pinterest हड्डियों का बिगड़ना
थैलेसीमिया में शरीर ज्यादा रेड ब्लड सेल्स बनाने की कोशिश करता है, जिससे हड्डियां खासकर चेहरे और सिर की हड्डियां फैलने लगती हैं और उनका आकार बिगड़ सकता है.
Credit: Pinterest बच्चों में विकास
थैलेसीमिया से बच्चों की लंबाई, वजन और यौवन (प्यूबर्टी) में देरी हो सकती है, जिससे उनका शारीरिक विकास धीमा हो जाता है.
Credit: Pinterest स्प्लीन और लिवर का बढ़ना
ब्लड की सफाई में स्प्लीन और लिवर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ये अंग सूज सकते हैं या बड़े हो सकते हैं. इसे स्प्लीनोमेगाली और हेपेटोमेगाली कहा जाता है.
Credit: Pinterest आयरन का बढ़ना
थैलेसीमिया के मरीजों को बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है. इससे शरीर में आयरन बहुत ज्यादा जमा हो सकता है, जो दिल, लिवर और हार्मोन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है.
Credit: Pinterest संक्रमण का खतरा ज्यादा
अगर मरीज की स्प्लीन निकाल दी गई हो, तो शरीर की संक्रमण से लड़ने की ताकत कम हो जाती है. ऐसे में मरीज को जल्दी इन्फेक्शन हो सकता है.
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