खासकर सुबह खाली पेट लीची खाने से बच्चों में शुगर लेवल अचानक गिरता है, जिससे चमकी का खतरा बढ़ता है.
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2. बच्चों को हाइड्रेट रखें
गर्मी में शरीर से पानी और मिनरल्स तेजी से निकलते हैं. बच्चों को बार-बार पानी, ओआरएस या नींबू पानी दें.
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3. हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक भोजन दें
तेल-मसाले वाले खाने से बचें. बच्चों को दाल-चावल, हरी सब्जियां, फल जैसे पोषणयुक्त भोजन दें.
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4. रात को खाना खाकर सुलाएं
खाली पेट सोना AES का बड़ा कारण बनता है. बच्चों को सोने से पहले हल्का भोजन जरूर दें.
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5. तेज बुखार को हल्के में न लें
अगर बुखार 101°F से ऊपर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और दवा दें. चमकी की शुरुआत तेज बुखार से होती है.
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6. ठंडी और हवादार जगह पर रखें बच्चे
हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए बच्चों को धूप में न भेजें और घर में ठंडी हवा का इंतज़ाम रखें.
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7. साफ-सफाई का रखें ध्यान
खाने-पीने के बर्तन और हाथ साफ रखें ताकि संक्रमण से बचाव हो.
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8. नींद पूरी करवाएं
नींद की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे बीमारी पकड़ सकती है. बच्चों को कम से कम 8 घंटे की नींद दिलवाएं.
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डिस्क्लेमर
यहां दी गई तमाम जानकारी अलग-अलग रिपोर्ट से ली गई हैं. इंडिया डेली आपको सलाह देता है सिरदर्द, उल्टी, चक्कर, सुस्ती या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं.