दिवाली के बाद सांस लेने में तकलीफ? जानिए क्या यह अस्थमा की शुरुआत है या प्रदूषण
Reepu Kumari
2025/10/21 15:49:23 IST
दिवाली के बाद बढ़ा प्रदूषण स्तर
दिवाली के बाद पटाखों और वाहनों के धुएं ने हवा को बेहद जहरीला बना दिया है. दिल्ली में AQI 450 के पार पहुंच चुका है, जिससे हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा कई गुना बढ़ गई है. यह स्थिति सांस की बीमारियों को जन्म दे सकती है.
Credit: Pinterestअस्थमा क्या है और कैसे होता है
अस्थमा एक क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिज़ीज़ है जिसमें सांस की नलियां सूज जाती हैं और संकरी हो जाती हैं. इससे व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, खांसी और छाती में दबाव महसूस होता है. यह बीमारी एलर्जी, प्रदूषण या वंशानुगत कारणों से भी हो सकती है.
Credit: Pinterestअस्थमा के शुरुआती लक्षण पहचानें
शुरुआत में हल्की खांसी, सांस फूलना, सीने में कसाव और रात में सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते हैं. अगर ये समस्याएं बार-बार हों तो यह अस्थमा की चेतावनी हो सकती है.
Credit: Pinterestप्रदूषण से बढ़ता खतरा
दिवाली के बाद प्रदूषण के कारण हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है. ये कण फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकते हैं. लगातार खांसी, छाती में जकड़न और सांस फूलने जैसी दिक्कतों को हल्के में न लें और तुरंत जांच कराएं.
Credit: Pinterestघर के अंदर धूल और धुएं से बचें
घर में अगरबत्ती, मोमबत्ती या धूम्रपान से बचें क्योंकि ये अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. घर को साफ-सुथरा रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.
Credit: Pinterestबाहर निकलते समय मास्क लगाएं
प्रदूषण से बचाव के लिए बाहर जाते समय N95 या N99 मास्क का उपयोग करें. इससे सूक्ष्म धूलकण और हानिकारक गैसें शरीर में प्रवेश नहीं कर पातीं.
Credit: Pinterestबच्चों और बुज़ुर्गों का रखें ध्यान
बच्चे, बुज़ुर्ग और पहले से अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोग प्रदूषण के सबसे अधिक शिकार होते हैं. इन्हें बाहर की गतिविधियाँ सीमित करनी चाहिए और घर में स्वच्छ वातावरण बनाए रखना चाहिए.
Credit: Pinterestशरीर को हाइड्रेटेड रखें और खानपान सही करें
दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. आहार में विटामिन-C, अदरक, शहद और हल्दी जैसी चीजें शामिल करें जो इम्यूनिटी बढ़ाती हैं और श्वसन तंत्र को मजबूत करती हैं.
Credit: Pinterestनियमित जांच और डॉक्टर की सलाह जरूरी
अगर सांस लेने में तकलीफ लगातार बनी रहे या खांसी बढ़ जाए, तो डॉक्टर से जांच करवाएं. अस्थमा के मरीज अपनी इनहेलर दवाओं का नियमित रूप से उपयोग करें और बिना सलाह के दवा बंद न करें.
Credit: PinterestDisclaimer
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
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