लगातार डिजास्टर के बाद महेश भट्ट ने इन फिल्मों से हिलाया बॉक्स ऑफिस


Babli Rautela
2025/09/20 11:49:11 IST

तमन्ना

    ‘तमन्ना’ (1997) ने किन्नर समुदाय और सामाजिक मानदंडों पर सवाल उठाए. परेश रावल की भूमिका इसे भट्ट की अनमोल कृति बनाती है.

Credit: Pinterest

जख्म

    ‘जख्म’ (1998) सांप्रदायिक दंगों और मानवीय रिश्तों की कहानी है. अजय देवगन का अभिनय और भट्ट का निर्देशन इसे एक मास्टरपीस बनाता है.

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सड़क

    ‘सड़क’ (1991) ने शोषण और प्रेम की कहानी को गंभीरता से दर्शाया है.

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दिल है कि मानता नहीं

    ‘दिल है कि मानता नहीं’ (1991) एक हल्की-फुल्की प्रेम कहानी है, जिसमें आमिर खान और पूजा भट्ट की केमिस्ट्री ने दर्शकों को बांधे रखा.

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आशिकी

    ‘आशिकी’ (1990) ने युवा प्रेम को नया आयाम दिया है.

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नाम

    ‘नाम’ (1986) में भट्ट ने अपराध की दुनिया में फंसे व्यक्ति की कहानी को भावनात्मक गहराई के साथ पेश किया है.

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सारांश

    ‘सारांश’ (1984) में अनुपम खेर के भावपूर्ण अभिनय ने दुख और जीवटता को जीवंत किया है.

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अर्थ

    ‘अर्थ’ (1982) ने शादी और विश्वासघात को उजागर किया है.

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