क्यों बनारस का गंगा जल नहीं लाया जाता है घर?


Babli Rautela
2024/11/04 08:11:10 IST

मोक्ष का द्वार

    भगवान शिव की नगरी काशी यानी बनारस को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है.

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जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति

    मान्यता है कि काशी में प्राण त्यागने से इंसान को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है. इसलिए रोजाना हजारों लोग काशी के मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए आते हैं.

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बनारस का गंगा जल

    लेकिन काशी से गंगाजल लाना शुभ नहीं माना जाता है. कहा जाता है कि बनारस से गंगा जल घर नहीं लाना चाहिए.

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चिता को किया जाता है विसर्जित

    ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां गंगा किनारे मृतक की चिता को जलाकर उनकी राख को यहीं गंगा में विसर्जित किया जाता है.

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पानी में मृतक आत्मा के अंग

    ऐसे में अगर आप इस गंगाजल को घर ले जाते हैं, तो उस पानी में मृतक आत्मा के अंग, राख आ जाते हैं.

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मृतक की आत्मा को नहीं मिलता मोक्ष

    इस गंगाजल को घर लाने से उस मृतक का मृत्यु और पुनर्जन्म का चक्र बाधित हो जाता है, जिसके बाद मृतक की आत्मा को पूरी तरह से मोक्ष नहीं मिलता

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महापाप

    ऐसे में काशी के जीवमात्र को उनके मोक्ष के अधिकार से वंचित करना महापाप माना जाता है.

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पाप का भोगी

    इसलिए हमें भूलकर भी काशी से गंगाजल घर लाकर पाप का भोगी बनने से बचना चाहिए.

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