पितृपक्ष की नवमी क्यों है खास? जानें किन बातों का रखें ध्यान
Princy Sharma
2025/09/12 13:09:36 IST
मातृ नवमी
मातृ नवमी के दिन इस दिन विशेष रूप से मातृ पक्ष के श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. यह दिन उन महिलाओं का श्राद्ध करने के लिए होता है जिनकी मृत्यु पति के जीवित रहते ही हो गई थी.
Credit: Pinterest श्राद्ध का समय
इस दिन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह दिन माताओं, बहनों, और बेटियों के श्राद्ध के लिए समर्पित होता है, जिनकी मृत्यु तिथि का पता नहीं होता. इस दिन श्राद्ध करना बहुत शुभ माना जाता है.
Credit: Pinterest मातृ पितृ प्रसन्न होते हैं
मातृ नवमी के दिन किए गए श्राद्ध से पितृ और मातृ दोनों प्रसन्न होते हैं और आपके वंश का विकास होता है. यह दिन उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का सर्वोत्तम अवसर है.
Credit: Pinterest मोक्ष और शांति का वरदान
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन किए गए श्राद्ध से दिवंगत मातृ पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Credit: Pinterest मातृत्व और स्नेह की प्राप्ति
मातृ नवमी का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी भी मातृत्व और स्नेह की कमी नहीं होती. यह दिन परिवार में सुकून और प्रेम का संचार करता है.
Credit: Pinterest क्या करें मातृ नवमी के दिन?
इस दिन आपको दिवंगत मातृ पितरों के श्राद्ध के साथ-साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए. यह दान आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाला होता है.
Credit: Pinterest सुहागिन महिलाओं को उपहार
मातृ नवमी के दिन सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान देना शुभ माना जाता है. यह एक प्रकार से उनकी लंबी उम्र और खुशहाली के लिए आशीर्वाद है.
Credit: Pinterest ब्राह्मणों और वृद्ध महिला
मातृ नवमी के दिन ब्राह्मण पत्नी को भोजन कराना और वृद्ध महिलाओं को उपहार देना भी पुण्यकारी माना जाता है. इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहती है.
Credit: Pinterest पशु-पक्षियों को दान
इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए. इसके साथ ही गाय, कुत्ते, चींटी, मछली और कौवे को अन्न-जल दें.
Credit: Pinterest डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
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