बकरीद इस्लामी कैलेंडर के धुल हिज्जा महीने में मनाया जाता है. यही वह महीना है जब हज यात्रा होती है.
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कुर्बानी का त्योहार
इस त्योहार पर अल्लाह की राह में जानवर की कुर्बानी दी जाती है. इसी कारण इसे 'ईद-उल-अजहा' यानी कुर्बानी की ईद कहा जाता है.
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बकरीद और हज का संबंध
बकरीद हज यात्रा की समाप्ति का प्रतीक भी है. हज के आखिरी दिन अराफात दिवस* के बाद बकरीद मनाई जाती है.
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चांद देखने की तारीख
सऊदी अरब में चांद देखने की तारीख 27 मई 2025 तय की गई है. अगर चांद दिख गया तो 28 मई को धुल हिज्जा की शुरुआत 6 जून को बकरीद (ईद-उल-अजहा)है
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अगर नहीं दिखा चांद?
अगर चांद नहीं दिखा तो 29 मई को धुल हिज्जा की शुरुआत होगी और 7 जून को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा.
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कुर्बानी का असली
कुर्बानी सिर्फ जानवर काटने तक सीमित नहीं है, इसका गहरा धार्मिक अर्थ है समर्पण, त्याग और इंसानियत.
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कुर्बानी के तीन हिस्से
जानवर की कुर्बानी के मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है एक गरीबों और जरूरतमंदों को दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों को और की तीसरा अपने घर के लिए.
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सामाजिक संदेश
बकरीद हमें सिखाती है कि कोई भूखा न रहे, सबके साथ इंसाफ हो और हर किसी को बराबरी का दर्जा मिले.
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डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.