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66 साल के बुजुर्ग कूरियर स्कैम के शिकार, स्कैमर्स ने लगाया 1.52 करोड़ का चूना, जानें कैसे की गई ठगी

Online Fraud: स्कैमर्स ग्राहकों को फोन करके उन्हें धमकी देते हैं कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो आप पर ड्रग्स ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का चार्ज लगा दिया जाएगा.

Gyanendra Tiwari
Edited By: Gyanendra Tiwari
66 साल के बुजुर्ग कूरियर स्कैम के शिकार, स्कैमर्स ने लगाया 1.52 करोड़ का चूना, जानें कैसे की गई ठगी

Online Fraud:  बेंगलुरु के एक 66 साल के बुजुर्ग को कूरियर स्कैम का शिकार होना पड़ा. लुटेरों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी बताकर बुजुर्ग से 1.52 करोड़ रुपए की ठगी कर ली. इस प्रकार की धोखाधड़ी में अपराधी उन कूरियर ग्राहकों को फोन करके खुद को पुलिस या बड़े सरकारी अफसर बताते हैं जिनका सामान किसी कारण रोक दिया गया होता है. स्कैमर्स ग्राहकों को फोन करके उन्हें धमकी देते हैं कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो आप पर ड्रग्स ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का चार्ज लगा दिया जाएगा.

 

केस दर्ज की झूठी कहानी


सीनियर सिटीजन देबाशिश दास को कार्तिक नाम के शख्स की ओर से फोन कॉल आता है. वह खुद को बड़ी कूरियर कंपनी फेडएक्स का कर्मचारी बताता है. उसने दास से कहा कि मुंबई में ताइवान से मंगाए गए कूरियर में अवैध वस्तुएं, जिसमें पांच एक्सपायर्ड पासपोर्ट, 6 क्रेडिट कार्ड और 950 ग्राम का MDMA नाम का प्रतिबंधित ड्रग्स पाया गया है. इसी को लेकर दास पर केस दर्ज किया गया है. केस दर्ज की इसी झूठी कहानी में दास जी फंस गए. 


खुद को बताया मुंबई क्राइम ब्रांच का डिप्टी कमिश्नर


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कार्तिक नाम के शख्स ने विश्वास जीतने के लिए 66 वर्षीय बुजुर्ग देबाशिश दास से अंधेरी पुलिस से Skype एप्लीकेशन के जरिए बात करने के लिए कहा. उसने  Skype का एक लिंक भेजा. लिंक पर क्लिक करते ही दास खुद को वीडियो कॉल पर पाते हैं. उनके सामने वीडियो कॉल पर एक शख्स था. उसने अपना नाम प्रदीप सावंत बताया और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डिप्टी कमिश्नर बताया. उसने दास को कहा कि इन मामलों से अपना नाम हटाने के लिए उन्हें एक फेक अकाउंट ओपन करना पड़ेगा जिसके लिए उसे उनके अन्य बैंक अकाउंट की डिटेल चाहिए.
 

ट्रांसफर करा लिए पैसे
 

उस शख्स ने दास के बैंक में जमा राशि को पंजाब नेशनल बैंक वाले खाते में (जिसे स्कैमर्स ने ओपन करवाया था) ट्रांसफर करा ली. 66 साल के दास ने अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 1.52 करोड़ रुपए की धनराशि RTGS के जरिए ट्रांसफर कर दी.  खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डिप्टी कमिश्नर बताने वाला प्रदीप सावंत ने उनसे कहा था कि 30 से 40 मिनट में उनके पैसे वापस आ जाएंगे. हालांकि जैसे ही पंजाब नेशनल बैंक में पैसे ट्रांसफर हो गए स्कैमर्स ने दास से सभी तरीकों से कम्यूनिकेट करना बंद कर दिया. पैसे वापस न आने पर प्रदीप सावंत को पता हो गया कि वो ठगी के शिकार बन गए हैं.

 

सावधान रहने की जरूरत

 

फ्रॉड के तरीकों में दिनों दिन नए-नए तरीके ईजाद की जा रहे हैं. स्कैमर्स  अपने आपको मुंबई पुलिस, NCRB, CBI, ED ऐसी ही बड़ी-बड़ी एजेंसियों के अफसर बताकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. एजेंसियों ने लोगों से सावधान रहने को कहा है. बिना वेरिफिकेशन किसी भी प्रकार की अननोन फोन, कॉल या मैसेज पर आंख मूंदकर विश्वास न करें. 

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