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छठ पर्व: सोमवार को बैंक रहेंगे बंद, जानें 27 अक्टूबर को RBI ने कहां-कहां दी है छुट्टी

छठ पूजा को लेकर यूं तो देश के विभिन्न हिस्सों में चहल-पहल देखने को मिलता है, लेकिन कुछ राज्यों में छठ पूजा पर बैंक बंद रहेंगे, जिससे बैंकिंग से जुड़े कामकाज भी ठप रहेंगे.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: देशभर में छठ पूजा को लेकर चारों ओर उत्साह और चहल-पहल का माहौल है. सूर्य उपासना का यह पवित्र पर्व पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. इसी के चलते आने वाले दिनों में कई राज्यों में बैंकों की छुट्टियां रहने वाली हैं.

जानकारी के अनुसार, शनिवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है और यह चार दिनों तक चलता है. इस दौरान व्रती सख्त नियमों का पालन करते हुए डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.

बैंक बंद रहने का शेड्यूल

  • 25 अक्टूबर (शनिवार) – महीने का चौथा शनिवार होने के कारण बैंक बंद रहे
  • 26 अक्टूबर (रविवार) – रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा
  • 27 अक्टूबर (सोमवार) – पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में छठ पूजा (शाम का अर्घ्य) के अवसर पर बैंक बंद रहेंगे
  • 28 अक्टूबर (मंगलवार) – बिहार और झारखंड में छठ पूजा (सुबह का अर्घ्य) के कारण बैंक बंद रहेंगे
  • 31 अक्टूबर (शुक्रवार) – गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी

इस तरह, छठ पूजा और अन्य त्योहारों के कारण कई राज्यों में लगातार चार दिनों तक बैंकिंग सेवाएं बाधित रहेंगी.  इसलिए, ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे जरूरी बैंकिंग कार्य समय रहते निपटा लें या ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करें.

देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाया जाता है यह पर्व 

छठ महापर्व सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का प्रतीक है, जिसमें भक्त अपने परिवार की सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं. यह पर्व पहले मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही मनाया जाता था, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों में और यहां तक कि विदेशों में भी मनाया जाता है. छठ पर्व को लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व कहा जाता है.

महाभारत काल में हुई थी इस पर्व की शुरुआत

बता दें कि चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की 25 अक्तूबर से शुरुआत हो गई है. चार दिनों तक चलने वाला यह पावन पर्व पूरे उत्साह और आस्था के साथ मनाया जा रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसकी शुरुआत महाभारत काल में हुई थी और तब से यह पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है.