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देहरादून के स्कूल में छात्रों से रेत-बजरी उठवाने का वीडियो हुआ वायरल, प्रिंसिपल पर गिरी गाज

छात्रों द्वारा स्कूल में पढ़ाई की जगह मजदूरी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया.

Grok AI
Kanhaiya Kumar Jha

Dehradun Viral Video: उत्तराखंड के देहरादून के एक स्कूल में पढाई की जगह छात्रों से मजदूरी कराने का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है. गौरतलब है कि वायरल वीडियो में छात्र रेत-बज़री उठाते हुए नज़र आए थे, जिसके बाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए थे. 

दरअसल, देहरादून के रायपुर के विद्यालय में निर्माण कार्य चल रहा था. इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने मजदूरों से काम कराने के बजाय छात्रों से ही मजदूरी करानी शुरू कर दी और छात्र रेत-बज़री उठाने लगे. छात्रों द्वारा स्कूल में पढ़ाई की जगह मजदूरी करने का वीडियो जैसे सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, राज्य की शिक्षा व्यवस्था और सरकार पर तरह-तरह के सवाल उठने लगे. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है. 

जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश 

छात्रों द्वारा स्कूल में पढ़ाई की जगह मजदूरी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने खुद इस मामले पर संज्ञान लिया और प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया. साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी ने इस पुरे मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं. विभागीय आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों से किसी भी प्रकार का गैर-शैक्षणिक कार्य करवाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को लेकर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा. 

क्या कहा गया है आदेश में ?

जारी आदेश में छात्रों से मजदूरी कराने को गंभीर अपराध कहा गया है और बताया गया है कि शारीरिक श्रम करवाना न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) का उल्लंघन है, बल्कि बाल संरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण विभाग के दिशा-निर्देशों के भी खिलाफ है. जिला शिक्षा अधिकारी ने उप शिक्षा अधिकारी, रायपुर को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि वे पूरे मामले की गहन जांच कर 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें.