Sonam Wangchuk Jodhpur Jail: सलमान खान से लेकर बलात्कार के दोषी आसाराम तक, कैसी है वो जेल जहां सोनम वांगचुक को रखा गया

Sonam Wangchuk Jodhpur Jail: 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान भी इस जेल पर हमला हुआ था, जिसमें जेल के अंदर 30 से अधिक लोग मारे गए थे.

PTI
Reepu Kumari

Sonam Wangchuk Jodhpur Jail: राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किए गए लद्दाख राज्य कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राजस्थान की जोधपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. यह जेल केंद्र अपनी कड़ी त्रि-स्तरीय सुरक्षा के लिए जाना जाता है. खबरों की मानें तो वांगचुक एकांत कोठरी में रहेंगे, जहां सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जाएगी

ब्रिटिश काल से चली आ रही जोधपुर जेल में कई हाई-प्रोफाइल लोग बंद रहे हैं. बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान - जिन्हें 1998 के काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराया गया था, और बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े कई आतंकवादी और जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन भी इस जेल में बंद थे.

इसी जेल पर हो चुका हमला

1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान भी इस जेल पर हमला हुआ था, जिसमें जेल के अंदर 30 से अधिक लोग मारे गए थे.

वर्तमान में 1,400 कैदी इस जेल में

हालांकि यह साफ नहीं हुआ है कि वांगचुक को जोधपुर जेल में क्यों रखा, लेकिन माना जा रहा है कि ऐसा लद्दाख के उनके समर्थकों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन से बचने के लिए किया गया है. वांगचुक को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक विशेष विमान से जेल केंद्र ले जाया गया - जिसमें शहर के पुलिस आयुक्त भी शामिल थे.

जेल के बाहर भूख हड़ताल

सुरक्षा के बावजूद, आज सुबह जेल के बाहर एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला. 50 वर्षीय कार्यकर्ता विजयपाल ने  वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी. अधिकारियों के अनुसार,  विजयपाल सुबह करीब 10:20 बजे 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए जेल के गेट पर पहुंचे जब स्थानीय पुलिस ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने धमकी दी कि अगर उन्हें जबरन वहां से हटाया गया तो वे जेल के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे. हालांकि, पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए उसे रतनदा पुलिस थाने ले गई. विजयपाल ने पहले भी शराब की दुकानें खोले जाने का विरोध किया था

क्या है पूरा मामला 

भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाने के आरोपों का सामना कर रहे  वांगचुक को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था. लद्दाख में राज्य के दर्जे और संवैधानिक संरक्षण की मांग को लेकर भीषण हिंसक विरोध प्रदर्शनों हुई. जिसमें चार लोगों की मौत और सुरक्षाकर्मियों समेत 50 लोगों के घायल हो गए थे. ये सब होने के दो दिन बाद गिरफ्तारी से एक दिन पहले,  वांगचुक ने कहा था कि उन्हें इस मुद्दे पर किसी भी समय गिरफ्तार होने में खुशी होगी.

पंजीकरण रद्द

यह तब हुआ है जब गृह मंत्रालय (एमएचए) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम या एफसीआरए, 2010 के तहत विदेश से धन प्राप्त करने के लिए  वांगचुक के गैर-लाभकारी 'स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख' (एसईसीएमओएल) का पंजीकरण रद्द कर दिया. कार्यकर्ता ने इस सप्ताह की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया, जिसमें चार लोग मारे गए और सुरक्षाकर्मियों सहित 50 से अधिक घायल हो गए.