चंडीगढ़: केंद्र की BJP सरकार द्वारा पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को अचानक भंग करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पंजाब में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके स्टूडेंट विंग ASAP के हजारों छात्रों ने चंडीगढ़ की सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया.
यह मुद्दा अब सिर्फ शैक्षणिक संस्था का नहीं, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक विरासत और स्वायत्तता की लड़ाई बन चुका है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ चेतावनी दी है कि पंजाब सरकार इस फैसले के खिलाफ हर कानूनी रास्ता अपनाएगी.
पंजाब यूनिवर्सिटी, जो 1882 से पंजाब की शैक्षणिक धुरी रही है. उसकी सीनेट और सिंडिकेट को केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर 2025 को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. AAP का आरोप है कि यह फैसला बिना किसी पूर्व सूचना के लिया गया और इसका मकसद पंजाब की प्रतिष्ठित संस्था पर BJP का नियंत्रण जमाना है. विपक्षी दलों और किसान संगठनों ने भी इसे पंजाब विरोधी साजिश करार दिया है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा, "पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट को भंग कर पंजाब की भागीदारी समाप्त करना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.यह धक्केशाही है. उन्होंने ऐलान किया कि पंजाब सरकार हाईकोर्ट में चुनौती देगी और देश के वरिष्ठ वकीलों की टीम गठित की जाएगी. इसके अलावा, AAP प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा.
मंगलवार को चंडीगढ़ में ASAP के छात्रों ने वाइस-चांसलर कार्यालय से मार्च निकाला.प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां थामीं जिन पर लिखा था - "पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत, BJP का कब्जा नहीं!" पुलिस और यूनिवर्सिटी सिक्योरिटी से भिड़ंत हुई, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा.
पटियाला, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और बठिंडा जैसे शहरों में भी धरने दिए गए. एक छात्र नेता ने कहा, "यह सिर्फ सीनेट का मुद्दा नहीं, हमारी पहचान की रक्षा है."ASAP के राज्य अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर तीन दिनों में नोटिफिकेशन वापस नहीं लिया गया, तो पूरे पंजाब में चक्का जाम होगा. सोशल मीडिया पर #SavePunjabUniversity ट्रेंड कर रहा है, जहां पंजाबी डायस्पोरा भी आवाज उठा रहा है.भगवंत मान की चेतावनी: पंजाब झुकता नहीं, लड़ता है.
सीएम मान ने कहा, "पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ इमारत नहीं, पंजाब की आत्मा है.यहां से भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी निकले. BJP ने गलत राज्य को चुना." उन्होंने केंद्र सरकार को आगाह किया कि पंजाब के साथ धक्केशाही नहीं चलेगी. AAP प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, "यह लोकतंत्र पर हमला है.हम जन-आंदोलन चलाएंगे."
पंजाब यूनिवर्सिटी की स्थापना 1882 में हुई थी और यह पंजाब की सांस्कृतिक-सामाजिक पहचान का प्रतीक है.यहां से स्वतंत्रता संग्राम के नायक जैसे भगत सिंह, सुखदेव निकले.AAP का कहना है कि सीनेट भंग करके BJP शिक्षा व्यवस्था पर कंट्रोल करना चाहती है, जैसा अन्य राज्यों में कर चुकी है. छात्रों का मानना है कि अगर आज चुप्पी रही, तो कल अन्य संस्थान भी खतरे में पड़ेंगे.आगे क्या? हाईकोर्ट से जन-जागरण तकपंजाब सरकार हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है, जहां असंवैधानिक फैसले को चुनौती दी जाएगी.