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मान सरकार ने किया धान की एक-एक बोरी खरीदने का वादा, किसानों को मिल रही पूरी कीमत

सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को समय पर पूरा भुगतान मिल रहा है. धान बेचने के बाद 48 घंटे के अंदर पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में आ रहा है. पहले किसानों को महीनों इंतजार करना पड़ता था.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Punjab Government Initiative India Daily
Courtesy: Social Media

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. धान (चावल) की फसल की लगातार खरीद कर सरकार किसानों को बड़ी राहत दे रही है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि किसानों की फसल का दाना-दाना उठाया जाएगा.

इस बार धान की खरीद में कोई रुकावट नहीं आई है. सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों की फसल तेजी से खरीदी जा रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि खरीद का काम बिना रुके चलता रहे. इसके लिए पर्याप्त मात्रा में खरीद एजेंसियों को तैनात किया गया है.

खरीद केंद्रों की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था

पूरे पंजाब में हजारों खरीद केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ और सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी खरीद केंद्र पर कोई कमी न हो.

मान सरकार ने खरीद केंद्रों की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की है. अधिकारियों को हुक्म दिया गया है कि वे रोज़ाना खरीद केंद्रों का निरीक्षण करें. अगर किसी किसान को परेशानी होती है तो तुरंत उसका समाधान किया जाए. जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जहां किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. पानी, शेड और बैठने की उचित व्यवस्था की गई है

सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को समय पर पूरा भुगतान मिल रहा है. धान बेचने के बाद 48 घंटे के अंदर पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में आ रहा है. पहले किसानों को महीनों इंतजार करना पड़ता था. यह व्यवस्था किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत साबित हुई है.

डिजिटल भुगतान प्रणाली को बनाया गया मजबूत 

सरकार ने डिजिटल भुगतान प्रणाली को मजबूत बनाया है. इससे किसानों को नकद लेनदेन की झंझट से मुक्ति मिली है. पैसा सीधे बैंक खाते में आने से पारदर्शिता भी बनी हुई है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वादा किया है कि किसानों की फसल का एक दाना भी नहीं छूटेगा. हर किसान की पूरी फसल सरकार खरीदेगी. चाहे किसान के पास एक बोरी हो या सैकड़ों बोरी, सबकी खरीद की जाएगी. इससे किसानों में खुशी की लहर है और वे निश्चिंत होकर खेती कर रहे हैं.

मान सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान दिया है. इन किसानों को पहले अक्सर उनकी कम फसल के कारण परेशानी होती थी. अब उन्हें भी बराबर का सम्मान और सुविधा मिल रही है.

इस बार खरीद की व्यवस्था इतनी सुचारू है कि मंडियों में ज़्यादा भीड़ नहीं लग रही. किसान अपनी बारी आने पर आराम से फसल बेच रहे हैं. पहले किसानों को दिनों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता था. कई बार उन्हें अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ रातों तक इंतजार करना पड़ता था. अब यह समस्या खत्म हो गई है.

खरीद केंद्रों पर टोकन सिस्टम लागू किया गया है. किसान अपना समय देखकर आते हैं और जल्दी ही अपनी फसल बेच कर निकल जाते हैं.

सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है जहां किसान अपनी बारी देख सकते हैं. इससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बच रही है. सब कुछ पारदर्शी तरीके से हो रहा है. किसान घर बैठे अपने मोबाइल फोन पर ही अपनी खरीद की स्थिति जान सकते हैं.

पोर्टल पर किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, अपनी बारी देख सकते हैं और भुगतान की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. यह तकनीकी पहल किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है.

क्या कहते हैं किसान?

किसान भाई कह रहे हैं कि इस बार उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. समय पर फसल बिकी और पैसा भी मिल गया. मान सरकार ने अपने वादे निभाए हैं. लुधियाना के किसान हरपाल सिंह कहते हैं, “पहली बार ऐसा हुआ है कि हमें कोई तकलीफ नहीं हुई. सब कुछ बहुत सही तरीके से हुआ.”

संगरूर जिले के किसान बलविंदर सिंह का कहना है, “मेरी फसल दो दिन में ही बिक गई और पैसा भी तीन दिन में आ गया. यह बहुत बड़ी बात है.” किसानों का कहना है कि इस तरह की सुविधा पहले कभी नहीं मिली.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “पंजाब के किसान हमारे अन्नदाता हैं. उनकी मेहनत की कीमत उन्हें पूरी मिलनी चाहिए. हम किसानों के हर दाने की कीमत देंगे और कोई किसान परेशान नहीं होगा. यह हमारी प्रतिबद्धता है.”

उन्होंने आगे कहा, “पंजाब की सरकार किसानों के साथ खड़ी है. हम लगातार ऐसे कदम उठाते रहेंगे जिससे किसानों को फायदा हो. किसानों की समृद्धि ही पंजाब की समृद्धि है.”

मान सरकार का यह कदम किसानों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही व्यवस्था जारी रही तो पंजाब के किसानों का भविष्य उज्जवल होगा.