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कुत्ते के काटने से अगर हो जाती है मौत, परिवार को कर्नाटक सरकार देगी 5 लाख का मुआवजा

कर्नाटक सरकार ने कुत्तों के काटने से जुड़ी घटनाओं के लिए नई राहत योजना लागू की है. इस योजना के तहत मौत और गंभीर चोट जैसे मामलों में पीड़ितों या उनके परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी.

GEMINI
Reepu Kumari

देशभर में कुत्तों के हमलों के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंतित कर दिया है. कई बार समय पर इलाज न मिलने से हादसे जानलेवा साबित हो जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर चिंता जता चुका है और सभी कुत्तों को टीका लगाने का निर्देश दे चुका है. ऐसी स्थिति में कर्नाटक सरकार ने लोगों को राहत देने वाला बड़ा कदम उठाया है.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुत्ते के हमले में घायल या मृत व्यक्ति के परिवार को अब आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह नियम केवल स्ट्रे डॉग के मामलों पर ही नहीं, बल्कि किसी भी कुत्ते के हमले की स्थिति में लागू रहेगा. सरकार का दावा है कि इससे उपचार में तेजी आएगी और गंभीर मामलों में परिवारों को तुरंत मदद मिल सकेगी.

मौत होने पर परिवार को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा 

कर्नाटक सरकार के नए आदेश के अनुसार कुत्ते के काटने से मौत होने पर पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. यह राशि राज्य सरकार द्वारा सीधे परिजनों को जारी की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम जरूरतमंद परिवारों के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगा.

घायल को मिलेगा 5,000 रुपये की सहायता 

यदि कुत्ता किसी व्यक्ति को कई बार काटता है, गहरी चोट या काले निशान छोड़ता है, तो उसे 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसमें 3,500 रुपये इलाज के लिए पीड़ित को और 1,500 रुपये सुवर्णा आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को दिए जाएंगे. सरकार का कहना है कि इससे इलाज में देरी नहीं होगी और पीड़ित को तुरंत मेडिकल सपोर्ट मिलेगा.

हरियाणा में भी लागू है मुआवजा योजना 

कर्नाटक से पहले सितंबर में हरियाणा सरकार ने भी ऐसे मामलों में मुआवजे का ऐलान किया था. हरियाणा में दांत के निशान के हिसाब से कम से कम 10,000 रुपये और 0.2 सेमी घाव पर 20,000 रुपये तक मुआवजा दिया जाता है. मृत्यु होने पर भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.

मुआवजे के लिए समिति करेगी जांच 

हरियाणा सरकार की तरह कर्नाटक में भी दावों के निपटारे के लिए कमेटी बनाई जाने की तैयारी है. समिति 120 दिनों के अंदर दस्तावेजों की जांच कर मुआवजे की अनुशंसा करेगी. इसके बाद अंतिम स्वीकृति देकर लाभ दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से पारदर्शिता और त्वरित सहायता सुनिश्चित होगी.