सोशल मीडिया से दोस्ती कर फंसाया, संबंध बनाए, युवती का चुपके से वीडियो बनाकर दोस्तों को भेजा, ब्लैकमेल कर तीनों ने कई बार किया गैंगरेप
बेंगलुरु में सोशल मीडिया दोस्ती दरिंदगी में बदल गई. आरोपी विकास ने 19 वर्षीय छात्रा का भरोसा जीतकर उसे खाली घर बुलाया, जहां उसने छिपकर वीडियो बना लिया.
बेंगलुरु: धोखे और डिजिटल ब्लैकमेल का एक डरावना मामला सामने आया है, जिसमें दो कॉलेज स्टूडेंट्स समेत तीन लोगों को 19 साल की लड़की के गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जो एक साधारण ऑनलाइन दोस्ती के तौर पर शुरू हुआ था, वह एक सोची-समझी साजिश में बदल गया, जिसने स्थानीय समुदाय को हैरान कर दिया है.
यह बुरा सपना छह महीने पहले शुरू हुआ, जब एलाइड हेल्थ साइंसेज का 20 साल का स्टूडेंट जी विकास, पीड़िता से सोशल मीडिया पर जुड़ा. कई महीनों तक उसका भरोसा जीतने के बाद, विकास ने पीड़िता को अपने दोस्त, 26 साल के चेतन जे के मागाडी शहर में एक खाली घर में बुलाया.
चुपके से बनाया प्राइवेट वीडियो
घर पर रहते हुए, विकास ने पीड़िता की जानकारी या सहमति के बिना चुपके से उसके प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड कर लिए. पुलिस का कहना है कि उसने इस घटना को प्राइवेट रखने के बजाय 'अश्लील' फुटेज अपने साथियों चेतन और एक और 20 साल के कॉमर्स स्टूडेंट, एन प्रशांत के साथ शेयर किया.
ब्लैकमेल और ग्रुप में गलत काम
इसके बाद तीनों ने चोरी किए गए फुटेज को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. आरोपियों ने वीडियो को ऑनलाइन लीक करने की धमकी दी और पीड़िता को सामाजिक बदनामी के डर से ब्लैकमेल किया. इस डिजिटल दबाव का इस्तेमाल करके, टीनएजर लड़की को उसकी मर्जी के खिलाफ बार-बार यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया.
न्याय की ओर कदम
पीड़िता ने बहादुरी दिखाते हुए बेंगलुरु के एक प्राइवेट कॉलेज में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. तीनों आरोपी मागाडी के रहने वाले थे और रोजाना शहर आते-जाते थे. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वे रामनगर जिला जेल में बंद हैं. पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और उन्हें FSL में भेज दिया है. विशेषज्ञ कोर्ट में डिजिटल सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए डिलीट किए गए वीडियो को रिकवर करने पर काम कर रहे हैं.
चुप्पी तोड़ने की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पीड़िता की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं और बता रहे हैं कि सेक्सटॉर्शन के कई पीड़ित डर के मारे चुप रहते हैं. एक अधिकारी ने कहा, 'इन अपराधों की तुरंत रिपोर्ट करना ही गलत काम के इस सिलसिले को रोकने का एकमात्र तरीका है.' अधिकारी ऐसे किसी भी व्यक्ति से अपील कर रहे हैं जो इसी तरह की डिजिटल उत्पीड़न का सामना कर रहा है, वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे और वादा किया है कि अपराधियों को सजा दिलाते समय उनकी पहचान सुरक्षित रखी जाएगी.