हेमंत सोरेन ने मोदी सरकार से मांगे झारखंड के हिस्से के 1.36 लाख करोड़, न मिलने पर दी ये बड़ी चेतावनी

झारखंड में इस विवाद के राजनीतिक असर गहरे होंगे, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच यह तनाव बढ़ सकता है. ऐसे में झारखंड के लोगों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.

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Mayank Tiwari

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बीच कोल रॉयल्टी को लेकर एक तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है. केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया न होने का दावा किए जाने के बाद यह विवाद और भी बढ़ गया. दरअसल, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि राज्यों को धन आवंटन में कोई भेदभाव नहीं किया गया है और स्पष्ट किया कि केंद्र पर झारखंड का कोई बकाया नहीं है.

इस बीच न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड सरकार ने केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये की कोयला रॉयल्टी वसूलने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है. उधर, बीजेपी नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार के दावों को "निराधार और भ्रामक" बताते हुए खारिज कर दिया है. साथ ही मांग की कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार जनता के सामने अपने दावों को पुष्ट करने के लिए उचित दस्तावेज पेश करे.

झारखंड के पूर्व सीएम मरांडी क्या बोले?

इस दौरान झारखंड के पूर्व सीएम मरांडी ने हिंदी में एक्स पर एक पोस्ट में कहा , "अगर झामुमो के पास इस आंकड़े के बारे में कोई ठोस सबूत है, तो उन्हें पूरे दस्तावेजों और तथ्यों के साथ इसे जनता के सामने रखना चाहिए. झामुमो को स्पष्ट करना चाहिए कि यह राशि किस मद की है? यह कब से लंबित है और किन परिस्थितियों में यह दावा किया जा रहा है?"

उन्होंने आगे कहा, "हेमंत सोरेन को झारखंड के असली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाने में समय गंवाना चाहिए.

हेमंत सोरेन का पलटवार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मरांडी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि झारखंड का दावा "बेमानी नहीं" है. उन्होंने ट्वीट किया, "यह हमारा हक है, जो हमारी मेहनत से कमाया गया पैसा है. आपका झारखंडियों के हक के खिलाफ खड़ा होना दुखद है. जब हमें आपके संगठन की पूरी ताकत की जरूरत थी, तो आप विपक्ष में खड़े थे. सोरेन ने कहा कि झारखंड अपनी "ज़रूरतों" के लिए "ज़रूर" आवाज उठाएगा, क्योंकि यह धन हर झारखंडी का हक है.

मरांडी ने फिर किया पलटवार

मरांडी ने मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए कहा कि "झारखंड के दावे की सच्चाई जानने का जनता को अधिकार है.उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को इस दावे के बारे में सवालों का जवाब देना चाहिए.उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "यह बकाया राशि किस वर्ष और किस योजना/परियोजना से है? 1.36 लाख करोड़ रुपये की राशि का आधार क्या है? यूपीए शासन के दौरान और जब शिबू सोरेन कोयला मंत्री थे, तब कितनी राशि वसूल की गई थी?"

सीएम सोरेन को बाबू लाल मरांडी ने दी नई चुनौती

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, "झारखंड के भ्रष्टाचार के इतिहास को देखते हुए जनता सब कुछ जानना चाहती है. पारदर्शिता के साथ सही दस्तावेज और तथ्य सामने रखें और फिर बोलें. भाजपा नेता ने कहा, "क्या आप लंबित बकाये का मुद्दा उठाकर जानबूझकर मेनिया सम्मान योजना के तहत राशि का भुगतान न करने के लिए दूसरों को दोषी ठहराने की जमीन तैयार कर रहे हैं?