Rohini Acharya Controversy: चुनाव से पहले लालू परिवार में 'तमाशा' शुरू, तेज प्रताप के बाद रोहिणी आचार्या ने तेजस्वी की बढ़ाई परेशानी

Rohini Acharya Controversy: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की नेता और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार और पार्टी के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया. यह कदम परिवार और पार्टी में चल रहे असंतोष और विवाद की ओर इशारा करता है.

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Babli Rautela

Rohini Acharya Controversy: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने रविवार को सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर अपने माता-पिता, भाई-बहन और पार्टी के दूसरे नेताओं को अनफॉलो कर दिया है. गुरुवार को छोटे भाई और पार्टी के ‘युवराज’ तेजस्वी यादव की यात्रा बस में उनके सलाहकार संजय यादव के बैठने से विवाद की शुरुआत हुई थी. इसके बाद रोहिणी ने अपने फॉलोइंग लिस्ट को लगातार कम किया है.

राघव पहले सौ से ज्यादा लोगों को फॉलो करती थीं, जो विवाद के बाद घटकर पहले 61 और अब सिर्फ 3 रह गया है. इस समय रोहिणी केवल अपने पति समरेश सिंह, राहत इंदौरी के नाम से चल रहे हैंडल और सिंगापुर के अखबार ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ को ही फॉलो कर रही हैं.

रोहिणी का राजनीतिक और पारिवारिक बैकग्राउंड

रोहिणी आचार्य लालू परिवार की बेटी हैं, जिनसे मिली किडनी ने लालू का जीवन बचाया है. उन्होंने सारण (छपरा) से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन भाजपा के नेता राजीव प्रताप रूडी ने उन्हें मामूली अंतर से हराया. सिंगापुर में पति और बच्चों के साथ रह रही रोहिणी ने साफ कर दिया है कि उनके लिए किसी विधानसभा या राज्यसभा चुनाव में भाग लेने या किसी को टिकट दिलवाने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए आत्मसम्मान सर्वोपरि है.'

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लालू परिवार में लंबे समय से संजय यादव को लेकर असंतोष रहा है. तेजस्वी यादव के सलाहकार बनने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों की पार्टी और राजनीतिक पकड़ कमजोर हुई. संजय यादव के प्रभाव से पार्टी और तेजस्वी की इमेज पर लालू का प्रभाव कम दिखता है, जिससे परिवार में आपसी कलह बढ़ी है. इस स्थिति ने पार्टी और परिवार के बीच तनाव को और बढ़ा दिया.

तेज प्रताप और मीसा भारती का रिएक्शन

तेज प्रताप यादव ने बिना नाम लिए ‘जयचंद’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए संजय यादव पर निशाना साधा. वहीं, सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती ने दिल्ली में अपनी स्थिति स्वीकार कर ली है. सूत्रों का कहना है कि रोहिणी दिल्ली में कोई दिलचस्पी नहीं रखती और मनोनीत कोटा से किसी सदन में नहीं जाना चाहती. वहीं, विधानसभा चुनाव के जरिए परिवार के किसी सदस्य का संसद पहुंचना तेजस्वी के लिए चुनौती नहीं माना जा रहा है.

लालू परिवार में इस विवाद का असर सिर्फ व्यक्तिगत रिश्तों तक सीमित नहीं है. पार्टी की राजनीतिक कार्यप्रणाली और संगठनात्मक ढांचे पर भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है. भ्रष्टाचार और पार्टी में शक्ति संघर्ष के मामले में भविष्य में और भी जटिल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.