'मैं 100% जिम्मेदारी लेता हूं', प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में जनसुराज की करारी हार के बाद दी पहली प्रतिक्रिया

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी के शून्य पर सिमटने की पूरी जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास नहीं जीत सके, और यह कमी उनकी है.

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Kuldeep Sharma

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी जन सुराज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जिसके बाद पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर सामने आए और हार की पूरी जिम्मेदारी खुद पर ली. 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी को सिर्फ 3.44% वोट ही मिले, जबकि 68 सीटों पर NOTA ने भी उससे ज्यादा वोट बटोर लिए. 

प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रयास ईमानदार था, लेकिन जनता का विश्वास नहीं जीत सके. बावजूद इसके, उन्होंने बिहार को न छोड़ने और पहले से दोगुनी मेहनत करने की बात कही हैं

PK ने स्वीकार की पूरी जिम्मेदारी

प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि चुनाव में हार की संपूर्ण जिम्मेदारी उनकी है. उन्होंने माना कि जनता का विश्वास जीतने में वे असफल रहे और यह उनकी सोच, रणनीति और संदेश देने में कमी का परिणाम है. किशोर ने कहा कि हार स्वीकार करना जरूरी है, क्योंकि ईमानदार प्रयास भी तभी मायने रखता है जब जनता समर्थन करे, और इस बार जनता ने उन्हें नकार दिया.

238 सीटों पर लड़े, एक भी नहीं मिली

जन सुराज पार्टी ने इस चुनाव को 'डार्क हॉर्स' की तरह लड़ने का दावा किया था, लेकिन नतीजों में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. 238 सीटों पर उतरे उम्मीदवारों को कुल 3.44% वोट ही मिले. 68 सीटों पर हालात इतने कमजोर रहे कि पार्टी को NOTA से भी कम वोट मिले. पार्टी के राजनीतिक भविष्य को लेकर उठे सवालों के बीच PK ने कहा कि यह चुनावी हार सीख देने वाली है.

‘हम बदलाव का दावा भी पूरा नहीं कर पाए’

किशोर ने कहा कि उनका उद्देश्य सिस्टम में बदलाव लाना था, लेकिन वे सत्ता परिवर्तन तक नहीं कर सके. उन्होंने कहा, 'हमने ईमानदार कोशिश की थी, पर वह पूरी तरह नाकाम रही. सिस्टम में बदलाव तो दूर, सत्ता में भी बदलाव नहीं ला पाए. फिर भी बिहार की राजनीति में हमने एक नई चर्चा और नई राह जरूर खोली है.' उनका मानना है कि असफलता भी भविष्य के काम की नींव बन सकती है.

भविष्य को लेकर PK का दृढ़ संकल्प

हार के बावजूद प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वे बिहार छोड़ने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग सोच रहे हैं कि वह राज्य छोड़ देंगे, वे गलतफहमी में हैं. उनका कहना है, 'आज हमें झटका जरूर लगा है, लेकिन भविष्य में हम जीतेंगे. पिछले तीन साल में जितनी मेहनत की है, अब उससे दोगुनी मेहनत करूंगा.' PK ने यह भी कहा कि जनता का विश्वास जीतना उनका दीर्घकालिक लक्ष्य है.

तीन साल की यात्रा और आगे की राह

किशोर ने याद दिलाया कि जन सुराज यात्रा के जरिए उन्होंने घर-घर जाकर जनता की समस्याएं सुनीं और एक नए राजनीतिक मॉडल की बात रखी. उनका दावा है कि राजनीतिक परिवर्तन रातोंरात नहीं होता. उन्होंने कहा, 'हमारे काम में कहीं कमी रही होगी, इसलिए जनता ने हमें नहीं चुना. लेकिन यह यात्रा खत्म नहीं हुई है. हम और मजबूत होकर वापस आएंगे.' उन्होंने बताया कि संगठन को और जमीन पर मजबूत किया जाएगा.