Bihar Flood: भारी बारिश के बाद लोकेन नदी उफान पर, नालंदा में दर्जनों घर बहे, लाखों की फसल बर्बाद; सामने आया खौफनाक वीडियो
बिहार में भारी बारिश के कारण नालंदा जिले के कुछ इलाकों में लोकेन नदी उफान पर है, जिससे दर्जनों घर नष्ट हो गए हैं, प्रमुख सड़कें बह गई हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं. नालंदा जिला बाढ़ के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है.
बिहार में भारी बारिश के कारण नालंदा जिले में लोकैन नदी में उफान आ गया है, जिसने इलाके में भारी तबाही मचा रखी है. इस प्राकृतिक आपदा ने दर्जनों घरों को नष्ट कर दिए हैं और मेन सड़कों को बहा ले गई और खेतों में खड़ी फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. यह हालात न केवल स्थानीय लोगों के लिए संकटपूर्ण है, बल्कि बिहार के बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में बार-बार होने वाली चुनौतियों को भी उजागर करती है.
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकैन नदी, जो बिहार के नालंदा जिले से होकर गुजरती है, उसने भारी बारिश के बाद अपना रौद्र रूप दिखाया. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया, जिसके कारण नदी के किनारे बसे गाँवों में पानी घुस गया. जिसके चलते दर्जनों कच्चे-पक्के घर ढह गए, और कई परिवार बेघर हो गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आया कि उनके पास सामान बचाने का समय तक नहीं मिला. बाढ़ ने नालंदा के निचले इलाकों को पूरी तरह जलमग्न कर दिया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ.
सड़कों और फसलों पर बारिश की पड़ी भारी मार
लोकैन नदी के उफान ने नालंदा की प्रमुख सड़कों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में कई महत्वपूर्ण मार्ग और पुल बह गए, जिससे गाँवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया. इससे राहत और बचाव के कामों में काफी परेशानी हो रही है. इसके अलावा, खेतों में खड़ी धान और मक्का जैसी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं, जिसने किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाया. नालंदा के किसानों का कहना है कि उनकी साल भर की मेहनत बाढ़ की भेंट चढ़ गई. एक किसान ने कहा, "हमारी पूरी फसल बर्बाद हो गई. अब हमारी गुजर-बसर कैसे होगी, यह समझ नहीं आ रहा.
बिहार में बाढ़: एक बार-बार आने वाली त्रासदी
बिहार भारत का सबसे बाढ़-प्रवण राज्य है, जहां उत्तरी इलाकों में 76% आबादी बाढ़ के खतरे में रहती है. नालंदा सहित कई जिले हर साल मॉनसून के दौरान बाढ़ की चपेट में आते हैं. ऐसे में लोकैन नदी के अलावा, कोसी, गंडक, और बागमती जैसी नदियाँ भी नेपाल से आने वाले भारी पानी और सिल्ट के कारण बाढ़ का कारण बनती हैं. इस साल सितंबर में नेपाल और बिहार में हुई भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिसके कारण नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया.
राहत और बचाव कार्य चल रहे
नालंदा जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं. प्रभावित लोगों को ऊँचे स्थानों पर ले जाया जा रहा है, और अस्थायी आश्रय स्थलों में भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि, सड़कों के बह जाने के कारण कुछ गाँवों तक पहुँचना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.